Hindi, asked by creena940, 8 months ago

वाह जी वाह हमको बुध की नीरज समझा है हम समझते ही नहीं जैसे कि आपको बीमार है आप घर पर है तो घटते ही चले जाते हैं और बढ़ते हैं तो बस यानी कि बढ़ते ही चले जाते हैं दम नहीं लेते हैं जब तक बिल्कुल ही बोलना हो जाए iska vyakhya
batao​

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Answered by 3427
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Answer:

sorry I can't understand Ur language

Answered by aayush434
1

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can you explain your question

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