Science, asked by shoukatali27974, 7 months ago

व्हीकल दैट कैन रन विदाउट डीजल एंड पैट्रोल​

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Answered by rajnishbhardwaj32
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Answer:

कार चलाने वाले करोड़ों लोग इन दिनों पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सिर्फ 8 रुपए का अंतर रह गया है। ऐसे में अब लोग अपनी कार निकालने से पहले सोचने लगे हैं। हालांकि उनके पास बाजार में सीएनजी कारों के भी काफी सारे विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इन्हें खरीदने का फैसला भी आसान नहीं होता है। हम आपको अपनी इस खबर में बताएंगे कि आपके लिए किस वेरियंट की कार खरीदना फायेदे का सौदा हो सकता है। पेट्रोल इंजन वाली कार आपको 4 लाख रुपए में मिल सकती है, वहीं उसी मॉडल की डीजल कार के लिए आपको करीब 80 हजार से 1 लाख रुपये तक ज्यादा खर्च करने होते हैं। साथ ही अगर आप अपनी कार पेट्रोल में खरीदते हैं और उसमें सीएनजी किट लगवाना चाहते हैं तो उसके लिए बाजार में आपको 18 हजार से 28 हजार रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। कंपनी से सीएनजी किट लगी कार के लिए आपको करीब 50-55 हजार रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ते हैं। यानी कीमत के आधार पर डीजल कार के मुकाबले पेट्रोल के साथ सीएनजी किट वाली कारें ज्यादा किफायती होती हैं। रंनिंग कॉस्ट के मामले में डीजल इंजन पेट्रोल पर थोड़ा भारी पड़ता है। हालांकि, डीजल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा माइलेज देती है। अगर आप इस वक्त 1.2 लीटर इंजन वाली कार की रनिंग कॉस्ट देखें तो पेट्रोल करीब 4.50 रुपये/किमी की रनिंग कॉस्ट देता है। वहीं, डीजल का यह आंकड़ा 3 रुपये/किमी है। ऐसे में अगर आप सीएनजी से चलने वाली कारें देखें तो वह 1 रुपये से 1.50 रुपये/किमी का रनिंग कॉस्ट देती हैं। ऑटो एक्सपर्ट रंजॉय मुखर्जी का मानना है कि नई कार अगर खरीद रहे हैं और आपका रोज का अप-डाउन 50 किलीमीटर है तो आपके लिए पेट्रोल इंजन वाली कार ही बेहतर होगी। वहीं, अगर आप रोजाना 50 से 100 किलोमीटर का सफर करते हैं तो आपके लिए डीजल विकल्प सही रहेगा।

जहां तक सीएनजी की बात है तो यह भी इस बात पर निर्भर करेगा कि आपने सीएनजी किट लगवाने पर कितने पैसे खर्च किए और एक साल में कितने किमी गाड़ी चलाई है। मिसाल के तौर पर अगर आप वैगन आर पेट्रोल के बजाए सीएनजी ऑप्शन लेते हैं तो करीब 60 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। सीएनजी से चलाने पर आप हर किमी पर करीब 2 से 3 रुपये बचा सकेंगे। इस स्थिति में अगर आप एक साल में 10 हजार किमी गाड़ी चला रहे हैं तो आप हर साल 20 से 30 हजार रुपये बचाकर तीन साल में लागत वसूल कर सकते हैं। Jagran Logodanik jagranकोरोना वायरस

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डीजल, पेट्रोल या सीएनजी? जानिए आपके लिए कौन सी कार खरीदना बेहतर

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डीजल, पेट्रोल या सीएनजी? जानिए आपके लिए कौन सी कार खरीदना बेहतर

Publish Date:Wed, 02 May 2018 12:34 PM (IST)Author: Ankit Dubey

नई दिल्ली (अंकित दुबे)। कार चलाने वाले करोड़ों लोग इन दिनों पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सिर्फ 8 रुपए का अंतर रह गया है। ऐसे में अब लोग अपनी कार निकालने से पहले सोचने लगे हैं। हालांकि उनके पास बाजार में सीएनजी कारों के भी काफी सारे विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इन्हें खरीदने का फैसला भी आसान नहीं होता है। हम आपको अपनी इस खबर में बताएंगे कि आपके लिए किस वेरियंट की कार खरीदना फायेदे का सौदा हो सकता है।

कीमत के मामले में कौन हिट:

पेट्रोल इंजन वाली कार आपको 4 लाख रुपए में मिल सकती है, वहीं उसी मॉडल की डीजल कार के लिए आपको करीब 80 हजार से 1 लाख रुपये तक ज्यादा खर्च करने होते हैं। साथ ही अगर आप अपनी कार पेट्रोल में खरीदते हैं और उसमें सीएनजी किट लगवाना चाहते हैं तो उसके लिए बाजार में आपको 18 हजार से 28 हजार रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। कंपनी से सीएनजी किट लगी कार के लिए आपको करीब 50-55 हजार रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ते हैं। यानी कीमत के आधार पर डीजल कार के मुकाबले पेट्रोल के साथ सीएनजी किट वाली कारें ज्यादा किफायती होती हैं।

क्या होगी रनिंग कॉस्ट?

रंनिंग कॉस्ट के मामले में डीजल इंजन पेट्रोल पर थोड़ा भारी पड़ता है। हालांकि, डीजल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा माइलेज देती है। अगर आप इस वक्त 1.2 लीटर इंजन वाली कार की रनिंग कॉस्ट देखें तो पेट्रोल करीब 4.50 रुपये/किमी की रनिंग कॉस्ट देता है। वहीं, डीजल का यह आंकड़ा 3 रुपये/किमी है। ऐसे में अगर आप सीएनजी से चलने वाली कारें देखें तो वह 1 रुपये से 1.50 रुपये/किमी का रनिंग कॉस्ट देती हैं।

क्या कहते हैं ऑटो एक्सपर्ट?

ऑटो एक्सपर्ट रंजॉय मुखर्जी का मानना है कि नई कार अगर खरीद रहे हैं और आपका रोज का अप-डाउन 50 किलीमीटर है तो आपके लिए पेट्रोल इंजन वाली कार ही बेहतर होगी। वहीं, अगर आप रोजाना 50 से 100 किलोमीटर का सफर करते हैं तो आपके लिए डीजल विकल्प सही रहेगा।

जहां तक सीएनजी की बात है तो यह भी इस बात पर निर्भर करेगा कि आपने सीएनजी किट लगवाने पर कितने पैसे खर्च किए और एक साल में कितने किमी गाड़ी चलाई है। मिसाल के तौर पर अगर आप वैगन आर पेट्रोल के बजाए सीएनजी ऑप्शन लेते हैं तो करीब 60 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। सीएनजी से चलाने पर आप हर किमी पर करीब 2 से 3 रुपये बचा सकेंगे। इस स्थिति में अगर आप एक साल में 10 हजार किमी गाड़ी चला रहे हैं तो आप हर साल 20 से 30 हजार रुपये बचाकर तीन साल में लागत वसूल कर सकते हैं।

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