Social Sciences, asked by rohitjawarkar364, 4 months ago

व्हाट इज द फिलोसोफी इन प्रेम वर्ल्डकॉन ट्यूशन ऑफ इंडिया​

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Answered by Anonymous
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दरअसल प्रेम की दार्शनिक व्याख्या की ही नहीं की जा सकती। प्रेम उस ‘उच्चतर’ का एक पहलू है जो अव्याख्येय है! फिलॉसफी ऑफ लव शायद इसी मायने में दुनिया की तमाम चीजों की व्याख्या से एकदम अलग है कि यह प्रेम को जानने या समझने की बजाय उसमें होने की ओर आपको अधिक प्रेरित करता है। यह ‘प्रेम क्या है’ का उत्तर देने की बजाए ‘वह क्या नहीं है’ की पड़ताल करता है। भरोसा रखिए, यह आलेख आपको उलझाएगा नहीं बल्कि कब सारे गुंथन सुलझ गए आपको पता भी नहीं चलेगा। बस कुछ होइए मत। कुछ भी मत होइए! एकदम खाली होकर आगे बढ़िए। प्रेम ‘कुछ’ होने की बजाए ‘सब कुछ हो जाने’ जैसा है।

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