व्हाट इज द क्वालिटी ऑफ संत एस रिफंड बाय द पॉइंट
Answers
Answer:
करदाताओं पर जितना जितना आयकर बनता है, अगर उनका टीडीएस उससे अधिक कटा है तो इनकम टैक्स विभाग (Income Tax department) ऐसे करदाताओं को इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) वापस करता है.
सामान्यतया, इनकम टैक्स रिटर्न जुलाई-अगस्त तक दाखिल करना पड़ता था. उसके बाद बिलंब शुल्क अदा करने पर आईटीआर फाइल करने की सुविधा करदाताओं को मिलती थी. लेकिन इस साल कोरोना महामारी को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31, दिसंबर 2020 कर दी गई है. जैसे-जैसे 31 दिसंबर नजदीक आता जा रहा है. वैसे-वैसे ITR फाइल करने वाले लोगों के मन में यह जिज्ञासा उठ रही है कि उनका इनकम टैक्स रिफंड कब तक आएगा.यदि आपने वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल किया है और अभी तक इनकम टैक्स रिफंड नहीं मिला है तो घबराएं नहीं. कोविड-19 महामारी के कारण असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) मिलने में इस साल देरी हो सकती है. इसके अलावा ITR की तेजी से प्रोसेसिंग के लिए सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है. इस टेक्निकल अपग्रेड के कारण इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है.जानिए- इनकम टैक्स रिफंड में देरी की वजह
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अधूरी और गलत जानकारी देने पर टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है. इसके अलावा बैंक अकाउंट, IFSC कोड गलत होने पर भी रिफंड में देरी हो सकती है. जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं होने पर भी रिफंड में देरी होती है. रिफंड में देरी इनकम टैक्स विभाग की तरफ से भी हो सकती है. ITR प्रॉसेस होने में देरी के कारण और बैंक के कारण भी टैक्स रिफंड में देरी होने की संभावना रहती है.
बता दें, ITR फाइल करने की अंतिम तिथि के बाद अगर टैक्स रिफंड में देरी होती है तो टैक्सपेयर्स को इनकम टौक्स विभाग की तरफ से 6 फीसदी की दर से इंटरेस्ट दिया जाता है.