Computer Science, asked by monika189moni, 7 months ago

व्हाट प्रोबलम कॉज्ड बाय कंप्यूटर वायरस​

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Answered by ayushkumaryadav2004a
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Shaking problem in computer....

Answered by ansarahmadansari68
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Answer:

कम्प्यूटर वायरस या कम्प्यूटर विषाणु एक कंप्यूटर प्रोग्राम(computer program) है जो अपनी अनुलिपि कर सकता है और उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना एक कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है और उपयोगकर्ता को इसका पता भी नहीं चलता है। विभिन्न प्रकार के मैलवेयर(malware) और एडवेयर (adware) प्रोग्राम्स के सन्दर्भ में भी "वायरस" शब्द का उपयोग सामान्य रूप से होता है, हालाँकि यह कभी-कभी ग़लती से भी होता है। मूल वायरस अनुलिपियों में परिवर्तन कर सकता है, या अनुलिपियाँ ख़ुद अपने आप में परिवर्तन कर सकती हैं, जैसा कि एक रूपांतरित वायरस (metamorphic virus) में होता है। एक वायरस एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में तभी फ़ैल सकता है जब इसका होस्ट एक असंक्रमित कंप्यूटर में लाया जाता है, उदाहरण के लिए एक उपयोगकर्ता के द्वारा इसे एक नेटवर्क या इन्टरनेट पर भेजने से, या इसे हटाये जाने योग्य माध्यम जैसे फ्लॉपी डिस्क (floppy disk), CD (CD), या USB ड्राइव (USB drive) पर लाने से. इसी के साथ वायरस एक ऐसे संचिका तंत्र या जाल संचिका प्रमाली(network file system) पर संक्रमित संचिकाओं के द्वारा दूसरे कम्पूटरों पर फ़ैल सकता है जो दूसरे कम्प्यूटरों पर भी खुल सकती हों.कभी कभी कंप्यूटर का कीड़ा (computer worm) और ट्रोजन होर्सेस (Trojan horses) के लिए भी भ्रम पूर्वक वायरस शब्द का उपयोग किया जाता है। एक कीडा अन्य कम्प्यूटरों में ख़ुद फैला सकता है इसे पोषी के एक भाग्य के रूप में स्थानांतरित होने की जरुरत नहीं होती है और एक ट्रोजन होर्स एक ऐसी फाईल है जो हानिरहित प्रतीत होती है। कीडे और ट्रोजन होर्स एक कम्यूटर सिस्टम के आंकडों, कार्यात्मक प्रदर्शन, या कार्य निष्पादन के दौरान नेटवर्किंग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सामान्य तौर पर, एक कीड़ा वास्तव में सिस्टम के हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर को नुकसान नहीं पहुंचाता, जबकि कम से कम सिद्धांत रूप में, एक ट्रोजन पेलोड, निष्पादन के दोरान किसी भी प्रकार का नुकसान पहुँचने में सक्षम होता है। जब प्रोग्राम नहीं चल रहा है तब कुछ भी नहीं दिखाई देता है लेकिन जैसे ही संक्रमित कोड चलता है, ट्रोजन होर्स प्रवेश कर जाता है। यही कारण है कि लोगों के लिए वायरस और अन्य मैलवेयर को खोजना बहुत ही कठिन होता है और इसीलिए उन्हें स्पायवेयर प्रोग्राम और पंजीकरण प्रक्रिया का उपयोग करना पड़ता है। आजकल अधिकांश व्यक्तिगत कंप्यूटर इंटरनेट और लोकर एरिया नेटवर्क से जुड़े हैं और लोकल एरिया नेटवर्क (local area network), दूषित कोड को फैलाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है। आज का वायरस नेटवर्क सेवाओ का भी लाभ उठा सकता है जैसे वर्ल्ड वाइड वेब, ई मेल, त्वरित संदेश (Instant Messaging) और संचिका साझा(file sharing) प्रणालियां वायरसों और कीडों को फैलने में मदद करती हैं। इसके अलावा, कुछ स्रोत एक वैकल्पिक शब्दावली का उपयोग करते हैं, जिसमें एक वायरस स्व-अनुलिपि करने वाले मैलवेयर (malware) का एक रूप होता है। कुछ मेलवेयर, विनाशकारी प्रोग्रामों, संचिकाओं को डिलीट करने, या हार्ड डिस्क की पुनः फ़ॉर्मेटिंग करने के द्वारा कंप्यूटर को क्षति पहुचाने के लिए प्रोग्राम किए जाते हैं। अन्य मैलवेयर प्रोग्राम किसी क्षति के लिए नहीं बनाये जाते हैं, लेकिन साधारण रूप से अपने आप को अनुलिपित कर लेते हैं औए शायद कोई टेक्स्ट, वीडियो, या ऑडियो संदेश के द्वारा अपनी उपस्थिति को दर्शाते हैं। यहाँ तक की ये कम अशुभ मैलवेयर प्रोग्राम भी कंप्यूटर उपयोगकर्ता(computer user) के लिए समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं।.वे आमतौर पर वैध कार्यक्रमों के द्वारा प्रयोग की जाने वाली कम्प्यूटर की स्मृति (computer memory) को अपने नियंत्रण में ले लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप, वे अक्सर अनियमित व्यवहार का कारण होते हैं और सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अतिरिक्त, बहुत से मैलवेयर बग(bug) से ग्रस्त होते हैं, और ये बग सिस्टम को नुक्सान पंहुचा सकते हैं या डाटा क्षति (data loss) का कारण हो सकते हैं। कई सीआईडी प्रोग्राम ऐसे प्रोग्राम हैं जो उपयोगकर्ता द्वारा डाउनलोड किए गए हैं और हर बार पॉप अप किए जाते हैं। इसके परिणाम स्वरुप कंप्यूटर की गति बहुत कम हो जाती है लेकिन इसे ढूंढ़ना और समस्या को रोकना बहुत ही कठिन होता है।

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