Sociology, asked by nimsarkarbharti, 2 months ago

वा : हर्बर्ट स्पेन्सरचा जैविक सदृष्यतेचा सिद्धान्त स्पष्ट करा?
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Answered by bannybannyavvari
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Answer:

हरबर्ट स्पेंसर (27 अप्रैल 1820-8 दिसम्बर 1903) विक्टोरिया काल के एक अंग्रेज़ दार्शनिक, जीव-वैज्ञानिक, समाजशास्री और प्रसिद्ध पारंपरिक उदारवादी राजनैतिक सिद्धांतकार थे। स्पेंसर ने भौतिक विश्व, जैविक सजीवों, मानव मन, तथा मानवीय संस्कृ्ति व समाजों की क्रमिक विकास के रूप में उत्पत्ति की एक सर्व-समावेशक अवधारणा विकसित की. एक बहुश्रुत व्यक्ति के रूप में, उन्होंने विषयों की एक व्यापक श्रेणी में अपना योगदान दिया, जिनमें नीतिशास्र, धर्म, मानविकी, अर्थशास्र, राजनैतिक सिद्धांत, दर्शनशास्र, जीव-विज्ञान, समाजशास्र व मनोविज्ञान शामिल हैं। अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने अत्यधिक प्रभुत्व प्राप्त किया, विशेषतः अंग्रेज़ी-भाषी शैक्षणिक समुदाय के बीच. सन 1902 में, उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिये नामित किया गया.[1] वास्तव में, यूनाइटेड किंगडम व संयुक्त राज्य अमेरिका में "एक समय था, जब स्पेंसर के शिष्य उनकी तुलना अरस्तु के साथ करने से भी नहीं चूके!"[2]

हर्बर्ट स्पेंसर

Herbert Spencer.jpg

७३ की उम्र में स्पेंसर की तस्वीर

जन्म

27 अप्रैल 1820

डर्बी, डर्बीशायर, इंग्लैंड

मृत्यु

8 दिसम्बर 1903 (उम्र 83)

ब्राइटन, ससेक्स, इंग्लैंड

राष्ट्रीयता

ब्रिटिश

हस्ताक्षर

HS steel portrait sig.jpg

वे "सर्वश्रेष्ठ की उत्तरजीविता (Survival of the fittest)" की अवधारणा प्रस्तुत करने के लिये सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जो कि उन्होंने चार्ल्स डार्विन की ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीसीज़ पढ़ने के बाद प्रिंसिपल्स ऑफ बायोलॉजी (1864) में प्रस्तुत की थी।[3] यह शब्दावली दृढ़तापूर्वक प्राकृतिक चयन का सुझाव देती है, लेकिन फिर भी जब स्पेंसर ने उत्पत्ति का विस्तार समाजशास्र और नीति-शास्र के क्षेत्रों में किया, तो उन्होंने लेमार्कवाद का प्रयोग भी किया।

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