Hindi, asked by santkalaborkar033, 6 months ago

विज्ञान के चमत्कार निबंध​

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Answered by Princess5259
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Answer:

हर घटना के पीछे का कारण विज्ञान है, फिर चाहे वह चक्रवात, तूफान या वर्षा होना हो या फिर पानी का उबलना और जमना आदि। विज्ञान उपकरण मात्र तक सीमित नहीं, बल्कि पृथ्वी से ब्रह्मांण तक विज्ञान को देखा जा सकता है। आधुनिक युग, विज्ञान का युग है, यह कहना गलत नहीं होगा। आज का व्यक्ति विज्ञान पर बहुत अधिक निर्भर है। अन्य शब्दों में कहें तो विज्ञान के अभाव में वक्ति का जीवन कठिनाईयों से भर जाता है।संक्षेप में प्राकृतिक के क्रमबद्ध अध्ययन ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। विज्ञान के विभिन्न प्रकार है जैसे- प्राकृतिक विज्ञान, जीवन विज्ञान, तथा इन प्रकारों के विभिन्न शाखाएं हैं जैसे- भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान आदि। यह हमें घटना के पीछे के कारण तथा परिणामों से अवगत कराते हैं।विज्ञान हमारे जीवन में मुख्य भूमिका अदा करता है। तथा मानव जाति को विज्ञान के उपहार के रूप में अनेक सुविधाएं प्राप्त हैं, जिनका उपयोग वह अपने दैनिक जीवन के कार्यों को पूरा करने से लेकर प्रकृति के प्रकोप से स्वयं को बचाने तक करता है।

Answered by khushpreetkaur11
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Answer:

आज विज्ञान का युग है। जिधर दृष्टि डालो, विज्ञान के चमत्कार दिखायी पड़ते हैं। हमें उपलब्ध सभी सुख सुविधायें विज्ञान की ही देन है। विज्ञान ने हमें जादू नगरी में पहुंचा दिया है। जहां पर हमारी जरूरत की प्रत्येक वस्तु उपलब्ध है। बिजली और उससे चलने वाले सभी उपकरण, रेल, वायुयान, राकेट विज्ञान की ही देन है।

विज्ञान हमारी प्रगति और विकास का आधार है। आज हम इसके बिना जीवन व्यतीत करने के बारे में सोच भी नहीं सकते। पूरा विश्व आज हमारी पहुंच के अंदर है- सोचो और पलक झपकते सब कुछ सम्भव हो जाता है।

विज्ञान से हमारे जीवन के सभी क्षेत्र प्रभावित और उन्नत हुये हैं। शिक्षा और मनोरंजन दोनों के लिये रेडियो, दूरदर्शन, कंप्यूटर, देशी विदेशी पत्र पत्रिकायें, दूर संचार के साधन उपलब्ध हैं। दुसाध्य बीमारियों के इलाज के लिये औषधियां एवं उपचार के साधन मौजूद हैं। पृथ्वी को नाप कर, समुन्द्र को लांघकर इंसान ने आकाश की ऊंचाईयों को विज्ञान द्वारा ही हासिल किया है। चांद भी आज अछूता नहीं रहा।

फोन अब मोबाइल हो गये हैं। इण्टरनेट एवं ई मेल से बातें की जाती हैं। ज्ञान की कोई सीमा नहीं रही। हर क्षेत्र परिचित सा और हर क्षेत्र का असीमित विस्तार हो गया है।

लेकिन विज्ञान ने जहां इंसान को इतने सुख दिये, लाभ पहुंचाये वहां उसके कुछ नुकसान भी हैं। विज्ञान जितना कल्याणकारी है उतना विनाशकारी भी है। विज्ञान ने मानव की इच्छाओं को असीमित कर उसे भौतिकवादी बना दिया है। उसके हाथ में परमाणु शक्ति देकर युद्ध का खतरा खड़ा कर दिया है। लेकिन सच मानें तो यह विज्ञान का दोष नहीं है। यह तो मानव द्वारा विज्ञान के उपयोग पर निर्भर है।

विज्ञान का सदुपयोग वरदान है तो उसका दुरूपोग अभिशाप है। अभी तो विज्ञान की चकाचौंध में इंसान डूब गया है। भौंचक्का सा उसका उपभोग करने में मग्न है। परन्तु हमें इसकी बुराइयों पर भी नजर डालनी होगी तभी विज्ञान हमारे लिए वरदान सिद्ध होगा।

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