वैज्ञानिक जाँच के लक्ष्य क्या होते हैं ?
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वैज्ञानिक जाँच के लक्ष्य
वर्णन : वैज्ञानिक जाँच का पहला लक्ष्य मनोवैज्ञानिक के अध्ययन से हम व्यवहार ओर किसी घटना के बारे सही वर्णन करते है , जिससे हम व्यवहार ओर अनेक अलग-अलग व्यवहारों से अलग करने में सहायता मिलती है|
पूर्व कथन : वैज्ञानिक जाँच का दूसरा लक्ष्य व्यवहार का पूर्वकथन है| यदि आप व्यवहार को सही-सही समझने तथा वर्णन करने में सहायक होते है| ऐसे में हम बात की भविष्यवाणी कर सकते है , और व्यवहार के बारे में जानकारी ले सकते है| व्यवहार से हम अन्य व्यवहारों , घटनाओं के बारे में जान सकते है|
व्याख्या : वैज्ञानिक जाँच का तीसरा लक्ष्य व्यवहार के कारणों की अथवा उसके निर्धारकों की जानकारी प्राप्त करना है, तथा वह कौन सी दशाएं हैं जिन में व्यवहार विशेष घटना घट रही होती है , उसके बारे में जानना होता है| उस म के दिमाग से उस के व्यावहार की जाँच करते है|
नियन्त्रण : यदि एक व्यक्ति व्यवहार विशेष से घटित होने की व्याख्या कर लेता है तो वह उस व्यवहार की दिशाओं में परिवर्तन करके उस को नियन्त्रण कर सकता है| यहाँ नियन्त्रण का मतलब है, किसी व्यवहार विशेष को घटित करना, उसे कम करना और बढ़ाना| व्यक्ति व्यवहार को नियन्त्रण कर सके |
अनुप्रयोग: वैज्ञानिक जाँच का अंतिम लक्ष्य किसी विशेष व्यवहार के प्रयोग के द्वारा लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना होता है और उन्हें इस व्यावहार को भूल कर नई दिशा दी जाती है|
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वैज्ञानिक जाँच करने में अंतर्निहित विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।