विज्ञान के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदमों पर अनुच्छेद.. 120 to 150 words
Answers
Answer:
it is text book off class 4
Explanation:
please mark me brainliest
Answer:
विज्ञान " का शाब्दिक अर्थ विशेष तरह के ञान से होता है । विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है वि+ज्ञान । आज हम जिस युग मे जीवन जी रहे हैं वह भी विज्ञान का ही युग है । जीवन के प्रत्येक जगह मेे विज्ञान के आविष्कारो को देखाा जाा सकता है । इन आविष्कारो ने मानव जीवन को अत्यंत सुखमय बना दिया है । जीवन का ऐसा कोई भी जगह शेष नहीं है जहाँ पर विज्ञान की पहुँच न हो। बिना विज्ञान के आज मनुष्य का जीवन अधूरा है । भोजन बनाने के उपकरण, भवन बनाने के उपकरण आदि सभी चीचे विज्ञान की ही देन है ।
आज मनुष्य अपने घर में बैठे-बैठे संपूर्ण विश्व की जानकारी ले सकते है । विज्ञान ने ही मनुष्य को अंधकार से छुटकारा दिलाया है । चिकित्सा के विश्व में असाध्य से असाध्य रोग को भी मसीनो के कारण ठीक हो जाते है । जहाँ मनुष्य को दूर-दूर तक पैदल जाना पड़ता था वह अब मनुष्य कुछ मिनटो मे पहुँच जाता है ।
समय जैसे -जैसे आगे बढ रहा है धीरे -धीरे यही विज्ञान अभिशाप बनता जा रहा है । आगे बढ़ने कि होड़ में मनुष्य ने ऐसे-ऐसे आविष्कार किए है जो मनुष्य के लिए हितकार नहीं है । परमाणु बम, बड़ी -बड़ी तोपे विज्ञान की ही देना है ।
इन आविष्कारो पर रोका नहीं लगी तो विज्ञान अभिशाप के कंलक से नहीं बचा पाएगा ।
Explanation:
विज्ञान " का शाब्दिक अर्थ विशेष तरह के ञान से होता है । विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है वि+ज्ञान । आज हम जिस युग मे जीवन जी रहे हैं वह भी विज्ञान का ही युग है । जीवन के प्रत्येक जगह मेे विज्ञान के आविष्कारो को देखाा जाा सकता है । इन आविष्कारो ने मानव जीवन को अत्यंत सुखमय बना दिया है । जीवन का ऐसा कोई भी जगह शेष नहीं है जहाँ पर विज्ञान की पहुँच न हो। बिना विज्ञान के आज मनुष्य का जीवन अधूरा है । भोजन बनाने के उपकरण, भवन बनाने के उपकरण आदि सभी चीचे विज्ञान की ही देन है ।
आज मनुष्य अपने घर में बैठे-बैठे संपूर्ण विश्व की जानकारी ले सकते है । विज्ञान ने ही मनुष्य को अंधकार से छुटकारा दिलाया है । चिकित्सा के विश्व में असाध्य से असाध्य रोग को भी मसीनो के कारण ठीक हो जाते है । जहाँ मनुष्य को दूर-दूर तक पैदल जाना पड़ता था वह अब मनुष्य कुछ मिनटो मे पहुँच जाता है ।
समय जैसे -जैसे आगे बढ रहा है धीरे -धीरे यही विज्ञान अभिशाप बनता जा रहा है । आगे बढ़ने कि होड़ में मनुष्य ने ऐसे-ऐसे आविष्कार किए है जो मनुष्य के लिए हितकार नहीं है । परमाणु बम, बड़ी -बड़ी तोपे विज्ञान की ही देना है ।
इन आविष्कारो पर रोका नहीं लगी तो विज्ञान अभिशाप के कंलक से नहीं बचा पाएगा ।