विज्ञान की पाठ्यपुस्तके आपके मन में यह गलत धारणा उत्पन्न कर सकती हैं कि विज्ञान पढ़ना शुष्क तथा पूर्णत: अत्यंत गंभर हैं एवं वैज्ञानिक भुलक्कड़, अंतर्मुखी, कभी न हँसने वाले अथवा खीसे निकालने वाले व्यक्ति होते हैं। विज्ञान तथा वैज्ञानिकों का यह चित्रण पूर्णत: आधारहीन है। अन्य समुदाय के मनुष्यों की भांति वैज्ञानिक भी विनोदी होते हैं तथा बहुत से वैज्ञानिकों ने तो अपने वैज्ञानिक कार्यों को गंभीरता से पूरा करते हुए अत्यंत विनोदी प्रकृति तथा साहसिक कार्य करके अपना जीवन व्यतीत किया है। गैमो तथा फाइनमैन इसी शैली के दो भौतिक विज्ञानी हैं। ग्रंथ सूची में इनके द्वारा रचित पुस्तकों को पढ़ने में आपको आनन्द प्राप्त होगा।
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वैज्ञानिकों के शुष्क एवं गंभीर होने के विचार का खंडन उदाहरण के द्वारा।
Explanation:
- यह धारणा बिलकुल गलत है की वैज्ञानिक बहुत शुष्क एवं गंभीर होतें हैं।
- हम कई वैज्ञानिकों का नाम दे सकते हैं जो भौतिक विज्ञानी होने के साथ-साथ हास्यवादी भी थे।
- सी.वी. रमन, होमी जहाँगीर भाभा, आइंस्टीन और बोहरसभी वैज्ञानिक मज़ाक करने में विश्वास रखते थे।
- भारत में कई वैज्ञानिक जैसे पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलामविनोदी विनोदी स्वाभाव के साथ महान परमाणु वैज्ञानिक भी थे।
डॉ ए.पी.जे. अब्दुल की बायोग्राफी।
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