वैज्ञानिक पर 200 शब्द मैं निबंध
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वैज्ञानिक आधुनिक राष्ट्र का निर्माता होता है। वह विश्व पटल पर अपने देश को ऊंचाइयों पर ले जाता है। प्राचीन भारत से अब तक यहाँ के वैज्ञानिकों का अवदान सारे विश्व को ज्ञान की राह दिखाता रहा है। ‘जीरो’ के अविष्कार से लेकर महत्वपूर्ण गणितीय और ज्योतिषीय स्थापनाओं में भारत ने नई दिशा दी है। हमारे देश में आर्यभट्ट, चरक, बौधायन एवं नागार्जुन जैसे वैज्ञानिक प्राचीन काल में हुए हैं। मैंने कई अच्छे वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में अध्ययन किया है। मैं उन्हें पसंद करती हूँ और उन्हें पूर्ण सम्मान भी देती हूँ। मैंने उनके जीवन परिचय से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने मेरे चरित्र पर गहरा प्रभाव डाला है। किन्तु उन सबमें मैंने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को सबसे ज्यादा पसंद किया। अब्दुल कलाम मेरे पसंदीदा वैज्ञानिक हैं। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 ई० को भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में हुआ था। इनका पूरा नाम डा० अबुल पकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है। इनके पिता श्री जैनुलाबदीन मध्यमवर्गीय परिवार के थे। कलाम ने अपने पिता से ईमानदारी, आत्मानुशासन की विरासत पाई और माता से ईश्वर-विश्वास तथा करुणा का उपहार लिया।
कलाम ने 1950 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से बी० एस० सी० की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने मद्रास इंस्टीटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी से एरोनोटिकल इंजीनियरिंग में उपाधि प्राप्त की। 1958 ई० में कलाम डी० टी० डी० एंड पी० में तकनीकी केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के पद पर नियुक्त हुए। 1963 से 1982 ई० तक कलाम ने अन्तरिक्ष अनुसंधान समिति में विभिन्न पदों पर काम किया| सन 1981 के गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर डा० कलाम को ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। भारत सरकार द्वारा 1990 ई० में इन्हें ‘पद्म विभूषण’ और 1997 ई० में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। 25 जुलाई 2002 को डा० कलाम ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। कलाम ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्द हैं। सोमवार दिनांक 27 जुलाई 2015 की शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में हृदयाघात होने से डॉ कलाम का देहान्त हो गया। वे भारतीय प्रबन्ध संस्थान में एक लैक्चर दे रहे थे कि अचानक बेहोश हो गए। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम का अन्तिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ गुरूवार, 30 जुलाई, 2015 को सुबह 11 बजे तमिलनाडु के रामेश्वरम नगर में किया गया। अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ गंभीर चिंतक और अच्छे इंसान भी थे। बाल-शिक्षा में विशेष रूचि रखने वाले कलाम को वीणा बजाने का भी शौक था। राजनीति से दूर रहकर भी कलाम राजनीति के सर्वोच्च शिखर पर विराजमान रहे।
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आज का दौर विज्ञान एवं तकनीक को समर्पित हैं इन्हें वैज्ञानिकों का युग भी कहा जाता हैं. विश्व की प्रगति में हमारे वैज्ञानिकों का बड़ा योगदान हैं. किसी इंसान का वैज्ञानिक बनकर अपने देश तथा मानवता के लिए कार्य करना निसंदेह बड़े गर्व की बात होती हैं. भारत ने अपनी विज्ञान की प्रतिभा को प्राचीन काल से लेकर आज तक विश्व के समक्ष प्रमाणित किया हैं. विज्ञान की विविध शाखाओं एवं खोज अनुसंधानों में कई भारतीय वैज्ञानिकों की महत्ती भूमिका रही हैं. यदि आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति में भारतीय योगदान को देखा जाए तो निश्चय ही यह उतना अच्छा नहीं रहा हैं. भारत विश्व को विज्ञान के क्षेत्र में अपनी कला व हुनर तभी सीखा सकेगा जब हमारे छात्र वैज्ञानिक बनकर नयें मानक स्थापित करने के सपने देखेगे तथा उन्हें पूरा करेंगे. कई बार मेरा मन भी कल्पनाओं के अम्बार में यह सोचता हैं कि काश मैं वैज्ञानिक होता तो.
यदि मैं वैज्ञानिक होता तो हमारे आदि वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञो यथा आर्यभट्ट, वराहमिहिर आदि की परम्परा को लुप्त होने से बचाकर इन्हें नई पीढ़ी तक ले जाता. मैं दिन रात नवीन विषयों तथा पहेलियों को सुलझाकर मानव जाति के उपकारों में भारतीय योगदान की नई श्रंखला को स्थापित करता. भारतीय समृद्ध परम्परा और ज्ञान को आज के समय की आवश्यकताओं के मुताबिक़ ढाला जा सके तथा मनुष्य के जीवन की तकलीफों व उनके दुःख दर्द पर मरहम लगाया जा सके.
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