विज्ञान की उन्नति ही प्रदूषण का कारण है पर निबंध in 80 words
Answers
विज्ञान की प्रगति ही प्रदुषण का कारण
"ओजोन " अर्थात सूर्य की परत में छेद I जब सूर्य की परत में छेद बढ़ता चला जायेगा तो क्या आप कल्पना कर सकते हैं ये धरती कहाँ जाएगी ? अभी ही गर्मी से हाल बेहाल हैI ओजोन सूर्य की परत को वो शांति नहीं दे पायेगा जो एक समय में लोग बिना पंखे में भी आनंद से रह सकते थे I आज लाख ए.सी चलाएँ या एक से एक आविष्कार करें पर प्रकृति में संतुलन बनाये रखना विज्ञान के वश के बाहर की बात है I हर जगह धुआं ,प्रदुषण के कारण लोग चेहरे पर कपडा बांधते हैं ,गाड़ियों, बसों, ट्रक और हाईवा .एक साथ शोर मचाती ध्वनि इंसान का जन जीवन त्रस्त कर रही है
विज्ञान का अर्थ विशेष ज्ञान से है.विध्वंस से नहीं I
लोग गमलों में पेड़ लगाते है I बहुत हिफाज़त करते हैं लेकिन परिणाम वही "ढाक के तीन पात "सुबह फूल खिलने से पहले मुरझा जाते हैं I लोग गावों को छोड़कर शहर की ओर भागे जरुर लेकिन गाँव की खूबसूरती उन्हें पुकारती रह गयी I मानवों के द्वारा सुन्दर सुन्दर पेड़ कटते चले गए Iएक जगह दिनकर जी ने कहा है :
"लोहे के पेड़ हरे होंगे
तू गीत प्रेम के गाता चल "II
विज्ञान का समाज की उन्नति में बहुत बड़ा योगदान है। एक छोटे से पेन से लेकर एक राकेट तक
लगभग सभी वस्तुएँ आज के समाज में विज्ञान की ही देन हैं। परन्तु यह कहना भी गलत नहीं होगा कि विज्ञान ने समाज की उन्नति के साथ साथ समाज में अनेक विकार भी उत्पन्न कर दिए हैं। समाज को अनेक सुख सुविधाएं तो दी ही है विज्ञान ने पर उन सुख सुविधाओं की आज समाज कीमत भी चुका रहा है। प्रदूषण भी विज्ञान की ही देन है। विज्ञान ने हमें वाहनों से अवगत कराया है और एक जगह से दूसरी जगह जाने में होने वाली परेशानियों से राहत पहुँचाई है। बढ़ते वैश्वीकरण के कारण अनेकों ईमारतों का निर्माण आजकल नई नई तकनीकों से किया जा रहा है ये भी विज्ञान की ही बदौलत है। परन्तु उस निर्माण के लिए जो पेड़ पौधे काटे जा रहें हैं उनसे हमें ओर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँच रहा है। वाहनों से तो अवगत कराया परंतु इनकी वजह से भी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। हम कह सकते ह की जसे जसे विज्ञान उन्नति करता जा रहा ह वसे वसे अनेको मुश्किलें पैदा होती जा रही हैं और यह हमारे पर्यावरण के लिये नुकसानदेह है।