विज्ञान वरदान या अभिशाप पर अनुच्छेद 100 शब्दों में
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विज्ञान : वरदान या अभिशाप
समाज के विकसित होने के साथ साथ शिक्षा मे विज्ञान का भी विकास हुआ हैं|विज्ञान का उपयोग मनुष्य ने अपने सांसरिक जीवन मे बहुत किया हैं|
विज्ञान एक वरदान : जीवन के सभी पहलुओ मे विज्ञान के अनेक लाभ हैं|परिवहन, चिकित्सा, संचार, अंतरिक्ष, शिक्षा आदि ऐसे अनेक क्षेत्र मे विज्ञान का अभूतपूर्व योगदान रहा हैं|आज विज्ञान के कारण ही,चिकित्सा के क्षेत्र मे कैंसर, हृदय रोग आदि जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार संभव हो पाया हैं| पोलियो ,खसरा जैसी कई बीमारियों का टीकाकरण से रोकधाम विज्ञान द्वारा ही संभव हो पाया हैं|रेल, कार, हवाईजहाज आदि के आविष्कार से ही आज दुनिया के किसी भी कोने मे पहुँचना संभव हो पाया हैं|वर्तमान मे विज्ञान की सहयता से न केवल चंद्रमा अपितु मंगल गृह पर भी मनुष्य द्वरा निर्मित यान पहुचाया जा चुका हैं| संचार के क्षेत्र मे विज्ञान के आविष्कार जैसे टेलीफ़ोन, मोबाइलफोन ,इंटरनेट, इत्यादि की सहायता से विश्व मे किसी भी भाग मे रहने वाले व्यक्ति से बात की जा सकती हैं|
यूक्लियर पावर , बिजली, टेलिविजन, कम्प्युटर, सिनेमा,आदि अनेक क्षेत्र हैं जहा मनुष्य समाज को विज्ञान ने अनेक लाभ प्रदान किए है|
विज्ञान एक अभिशाप : विज्ञान के जहाँ लाभ है,वहा कुछ बुरे प्रभाव भी हैं, जो हमारी जीवन शैली के लिए अभिशाप साबित हो रहे हैं| आज विज्ञान ने मनुष्य के हाथो मे अनेक घातक हथियार थमा दिये हैं, जिनसे सम्पूर्ण विश्व का विनाश करने की ताकत हैं| प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध मे विज्ञान के दिये हुए हथियारो एवं मिसाईलो का प्रयोग विज्ञान के बुरे प्रभावों का एक उदाहरण हैं|जीवाश्म ईंधन के अत्यधिकउपयोग से वायुमंडल मे ग्रीन हाउस गैसो की वृद्धि हो रही हैं जिससे सम्पूर्ण विश्व का तापमान धीरे धीरे बढ़ रहा हैं|
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