विज्ञापन के आवश्यक गुण क्या है?
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ek Vigyapan me jis cheez ko aap prastut kar rahe ho uske baare mei jaankari deni hai. sath sath uska ek aakarshak chitra bhi dena hai. zyada logo ko Aakarshit karne ke liye chhoot bhi deni padti hai
एक विज्ञापन में निम्न गुणों का होना आवश्यक है...
- आकर्षक क्षमता
- कलात्मकता
- स्मरणीयता
- सरल प्रस्तुति
- विक्रय शक्ति
- आंचलिकता
- सामयिकता
आकर्षक क्षमता — विज्ञापन के लिए सबसे आवश्यक गुण है कि उसमें लोगों को आकर्षित करने की क्षमता हो। विज्ञापन इस तरह आकर्षक होना चाहिए कि उपभोक्ता सहज रूप से उत्पाद की तरफ खिंचा चला आए।
कलात्मकता — विज्ञापन इस तरह बनाना चाहिए कि उसमें कलात्मकता का समावेश और वो विज्ञापन संबंधित उत्पाद को एक अलग विशिष्ट आयाम प्रदान करें। जिससे उपभोक्ता को वो उत्पात अन्य उत्पादों से अलग लगे।
स्मरणीयता — विज्ञापन में ऐसी रोचकता होनी चाहिए कि वह उपभोक्ता के दिलो-दिमाग पर असर करें और उस उत्पाद की छवि उपभोक्ता के मन में अंकित हो जाये। जो उसे आगे तक स्मरण रह सके।
सरल प्रस्तुति — विज्ञापन की भाषा शैली और विषय वस्तु एकदम सरल होनी चाहिए। जो कि सरल व सहज रूप से उपभोक्ता को समझ में आ सके। विषय-वस्तु उत्पाद के गुणों को सरल शब्दों में उपभोक्ता को समझाये।
विक्रय शक्ति — विज्ञापन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है कि उपभोक्ता को उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करे। इसके लिए विज्ञापन की प्रस्तुति रोचक और आकर्षक होना चाहिये और उसमें प्रयुक्त विषय-वस्तु उपभोक्त को उत्पाद खरीदने के लिए विवश कर दे।
आंचलिकता — अलग-अलग क्षेत्र के लोगों की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। विज्ञापन को तैयार करते समय, जिस क्षेत्र में विज्ञापन प्रसारित करना है, उस क्षेत्र के लोगों की जरूरत और रुचि को ध्यान में रखते हुये विज्ञापन तैयार करना चाहिये।
सामयिकता — विज्ञापन को तैयार करते समय समय को ध्यान में रखना चाहिये कि वो उत्पाद किस समय समय में प्रयोग के लिये अधिक उपयुक्त है, तो उस समय ही विज्ञापन अधिक प्रभाव छोडे़गा। उदाहरण के लिये कंबल के विज्ञापन को गर्मियों में प्रसारित करना और एसी के विज्ञापन को सर्दियों में प्रसारित करने से कोई विशेष लाभ नही होने वाला।