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Vigyapan Lekhan In Hindi | विज्ञापन लेखन की परिभाषा एवं उनके और उदाहरण (हिन्दी व्याकरण)
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‘विज्ञापन’ शब्द अंग्रेजी के Advertisement का हिंदी अनुवाद है, जिसका अर्थ सार्वजनिक सूचना, सार्वजनिक घोषणा या ध्यानाकर्षण है। उपयुक्त शब्दों में कहें तो विज्ञापन सूचना या अपील का ललित प्रस्तुतीकरण है।
हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘हिंदी व्याकरण‘ हमने व्याकरण के सिद्धांतों, नियमों व उपनियमों को व्याख्या के माध्यम से अधिकाधिक स्पष्ट, सरल तथा सुबोधक बनाने का प्रयास किया है।
विज्ञापन लेखन (Advertisement Making In Hindi) की परिभाषा और उदाहरण | Vigyapan Lekhan in Hindi Examples
विज्ञापन लेखन की परिभाषा
विज्ञापन शब्द दो शब्दों के योग से बना है-वि + ज्ञापन। ‘वि’ उपसर्ग है और उसका अर्थ होता है-‘विशेष’। ‘ज्ञापन’ शब्द का अर्थ है-‘सूचना का ज्ञान’। इसका मिश्रित अर्थ सामान्य रूप में ‘किसी वस्तु या तथ्य की विशेष जानकारी देना’ स्वीकार किया गया है। यद्यपि इसका पाश्चात्य भाषिक पर्याय लैटिन-भाषी ‘एडवर्टर’ से ग्रहण किया गया ‘एडवर्टाइजिंग है’ जिसका अर्थ उस भाषा में ‘टू टर्न टू’ यानी ‘किसी ओर मुड़ना है। दूसरे शब्दों में, कहें तो किसी के प्रति या किसी ओर आकर्षित होना या किसी को आकर्षित करना ही इसका अर्थ है वास्तव में विज्ञापन किसी समुदाय विशेष के लोगों को संबोधित करने का ऐसा अंग है, जो उन्हें वस्तुओं के क्रय करने या किसी वस्तु या सेवा की उपलब्धता या साख वृद्धि के लिए प्रेरित करता है।
“विज्ञापन प्रचार का ऐसा साधन है, जो बिना किसी राजनीतिक, धार्मिक या सांप्रदायिक दबावों के जनता या उपभोक्ता में अपने लिए आवश्यकता या रुझान उत्पन्न करता है तथा अपनी उत्तमता और उपयोगिता की बातें दुहराकर उपभोक्ता की क्रय सामर्थ्य का विकास करता है।
विज्ञापन का उद्देश्य उत्पादक को लाभ पहुँचाना, उपभोक्ता को शिक्षित करना, विक्रेता की मदद करना, प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर व्यापारियों को अपनी ओर आकर्षित करना और सबसे अधिक तो उत्पादक और उपभोक्ता से संबंध अच्छे बनाना होता है। विज्ञापन अपने ज्ञान, विचार, उत्पाद, अनुसंधान खोज एवं आविष्कारों के प्रदर्शन का वह सार्थक मंच है जो न केवल उपभोक्ताओं, पाठकों, दर्शकों अथवा श्रोताओं को उस मूलभूत वस्तु, ज्ञान अथवा उत्पाद की जानकारी प्रस्तुत करता है अपितु उसे संबंधित बाज़ार में उपलब्ध अभी तक की श्रेष्ठतम कृति करार करते हुए बदले में भारी आर्थिक प्राप्ति अथवा खरीद हेतु भी पाठक, श्रोता अथवा उपभोक्ता को प्रेरित करता है।