विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने
पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
answer : एक ग्राहक के रूप में विजय बाबू अपना तर्क पेश करते हुए कहते है कि तुम लोगों को झुठ बोलने की आदत होती है।
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एक ग्राहक के रूप में विजय बाबू अपना तर्क पेश करते हुए कहते है कि तुम लोगों को झुठ बोलने की आदत होती है। सबको एक ही भाव से सामान बेचते हो ग्राहक को अधिक दाम बताकर उलटा ग्राहक पर ही एहसान का बोझ लाद देते हो।
एक विक्रेता के रूप में मुरलीवाला अपना तर्क पेश करता हुआ कहता है – आपको चीज़ों की असली लागत का अंदाजा नहीं है इसलिए दुकानदार चाहे हानि उठाकर ही चीज़ें क्यों न बेचे पर ग्राहक को हमेशा यही लगता है कि हम उन्हें लूट रहे हैं। ग्राहक को दुकानदार पर विश्वास नहीं होता है। मुरलीवाला कहता है कि असली दाम – दो पैसा ही है, मैंने पूरी एक हज़ार बनवाई थी।
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विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरली वाला एक विक्रता दोनों अपने अपने पक्ष मैं क्या तर्क पेश करते हैं
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