विजय बाबू रक ग्रातृक घे और मुरलीवाला रन्क विकता । दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या के पेश करते है।
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Sis story please ,than i will give u answer
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Explanation:
विजय बाबू अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहते हैं - तुम फेरीवालों की तो झूठ बोलने की आदत होती है।देते हो सबको 2-2 पैसों में पर अहसान का बोझ मेरे ऊपर लाद रहे हो ।
इसके विपरीत मुरलीवाला अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहता है - ग्राहक को सामान की असली लागत का पता नहीं होता और दुकानदार चाहे कितनी हानि उठाकर ही सामान बेचे पर ग्राहक को ऐसा लगता है कि दुकानदार उन्हें लूट रहा है।
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