विजय केवल लोहे की नही ,धर्म कीरही धरा पर धूम भिक्षु होकर सम्राट ,दया दिखलाते घर घर घूमे अर्थ
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Vijay Keval Lohe ghar ghar ghumana
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Answer:
दी गई पंक्तियों में, हमें बताया जा रहा है कि भारतीयों ने कभी भी तलवार या हिंसा के प्रतीक लोहे की लड़ाई नहीं लड़ी है।
Explanation:
दी गई पंक्तियों से, हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि हमने कभी भी हथियारों की कीमत पर कोई लड़ाई नहीं जीती है। हमने हमेशा अहिंसा का रास्ता चुना है।
- "विजय केवल लोहे की नही" - केवल लोहे से ही जीत हासिल नहीं की जाती है।
- "धर्म की रही धरा पर" - हमारी भूमि हमेशा से धर्म की अनुयायी रही है।
- "धूम भिक्षु होकर सम्राट" - सिद्धार्थ गौतम और महावीर जैसे सम्राटों ने अपना साम्राज्य छोड़ दिया और भिखारियों की तरह गलियों में घूमते रहे।
- "दया दिखलाते घर घर घूमे" - घर-घर सभी लोगों के प्रति दयालु स्वभाव दिखाते हुए वे भिखारियों की तरह गलियों में घूमते रहे।
दी गई पंक्तियाँ अहिंसा और हमारे सांस्कृतिक इतिहास की महानता को दर्शाती हैं।
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