History, asked by amitvermadokan03, 2 months ago

विजयनगर की शहर की जल की स्रोतों की व्याख्या कीजिए और इसके साथ ही साम्राज्य के व्यापार के विकास स्पष्ट कीजिए​

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Answered by suppu2826
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Answer:

दक्षिण भारत के विजयनगर (इसकी राजधानी कर्नाटक के हम्पी के नजदीक थी) के प्रसिद्ध राजाओं (1336-1564) ने सिंचाई की सुविधाओं को विकसित करने पर काफी जोर दिया। वे इसे खेती में सुधार के लिए जरूरी मानते थे। विजयनगर के शासकों में सबसे प्रसिद्ध और निपुण राजा कृष्णदेव राय (1509-1530) ने एक बार कहा था कि किसी भी राज्य की उन्नति उसके अधीन आने वाले क्षेत्र पर निर्भर करती है। अगर जमीन कम है तो समृद्धि लाने का तरीका है कि जलाशयों और सिंचाई के लिए नालों का निर्माण कराया जाए और गरीब किसानों को करों आदि से मुक्त किया जाए। विजयनगर के राजाओं ने न सिर्फ सिंचाई के लिए उपयुक्त जलाशयों का निर्माण करवाया, बल्कि कुछ हद तक, लोगों को स्वयं भी सिंचाई साधन विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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