Biology, asked by sayand9234, 1 year ago

वृक्क के द्वारा उत्सर्जन क्रिया कैसे होती है समझाए?

Answers

Answered by rupaliparida2972
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Explanation:

पौधों एवं प्राणियों दोनों में उत्सर्जन की क्रिया होती है परन्तु पौधों में कोई विशेष उत्सर्जन-अंग या तंत्र नहीं होता है अतः पौधे अपने उत्सर्जी पदार्थ पत्तियों, छालों, फलों, बीजों के माध्यम से शरीर से निष्कासित कर देते हैं।[1] प्राणियों में सभी उत्सर्जी पदार्थों के शरीर से बाहर निकालने की लिए उत्सर्जी अंग पाए जाते हैं। मेरूदण्डी प्राणियों में मुख्य उत्सर्जी अंग वृक्क (चित्रित) है जो गहरे लाल रंग का सेम की बीज की आकृति का होता है। वृक्क अपने लाखों वृक्क नलिकाओं के माध्यम से रक्त को छानकर शुद्ध करता है एवं छने हुए वर्ज्य पदार्थों को मूत्र के माध्यम से निष्कासित कर देता है।

Answered by madhusri378
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Answer:

  • मानव शरीर में उत्पन्न होने वाले कचरे को उत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा हटा दिया जाता है। मानव शरीर में कई उत्सर्जक अंग होते हैं जैसे यकृत, त्वचा, गुर्दे आदि।
  • लेकिन मनुष्यों में एक विशेष प्रणाली है जो रक्त को शुद्ध करने में मदद करती है। इसे उत्सर्जन तंत्र कहते हैं। इसमें गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्रमार्ग, मूत्राशय होते हैं।
  • गुर्दे पेट के निचले हिस्से में स्थित होते हैं और बीन के आकार के होते हैं। वे रक्त को छानते हैं और रक्त से विषाक्त पदार्थों को निकालते हैं।
  • यह निस्यंद से आवश्यक आयनों और पदार्थों को भी पुन: अवशोषित करता है। अंतिम विषाक्त पदार्थों को एकत्र किया जाता है और मूत्र के माध्यम से शरीर से निकाल दिया जाता है।
  • मूत्र में 95% पानी होता है और बाकी में यूरिया और अन्य अपशिष्ट होते हैं।

#SPJ2

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