India Languages, asked by alpita2806, 5 hours ago

विकारी शब्दाचे एकूण किती प्रकार आहेत ? ​

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Answered by rgarg4955
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एक या एक से अधिक वर्ण [(बहुविकल्पी शब्द)वर्णों] से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ईकाई ही'शब्द'कहलाते है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि

भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। एक से ज़्यादा शब्द मिलकर पद बनते है और पद मिलकर वाक्य बनते हैं।

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद संपादित करें

व्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द के निम्नलिखित भेद हैं- रूढ़, यौगिक तथा योगरूढ़।

- रूढ़- संपादित करें

जो शब्द किन्हीं अन्य शब्दों के योग से न बने हों और किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हों तथा जिनके टुकड़ों का कोई अर्थ नहीं होता, वे रूढ़ कहलाते हैं।

- यौगिक- संपादित करें

जो शब्द कई सार्थक शब्दों के मेल से बने हों, वे यौगिक कहलाते हैं। जैसे -नीलकमल, कमलनयन

-योगरूढ़- संपादित करें

वे शब्द, जो यौगिक तो हैं, किन्तु सामान्य अर्थ को न प्रकट कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं, योगरूढ़ कहलाते हैं।

उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद संपादित करें

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के निम्नलिखित 4भेद हैं-

तत्सम संपादित करें

संस्कृत भाषा से आए शब्द जिनका प्रयोग बिना किसी परिवर्तन के आज भी हिन्दी भाषा में हो रहा है तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे-अग्नि, क्षेत्र, वायु, ऊपर, रात्रि, सूर्य आदि।

तद्भव संपादित करें

जो शब्द रूप बदलने के बाद संस्कृत से हिन्दी में आए हैं वे तद्भव कहलाते हैं। जैसे-आग (अग्नि), खेत (क्षेत्र), रात (रात्रि), सूरज (सूर्य)नृप ,(राजा)आदि।

देशज संपादित करें

जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए हैं वे देशज कहलाते हैं। जैसे-पगड़ी, गाड़ी, थैला, पेट, खटखटाना पगड़ी, मनई, मेहरारू आदि।

विदेशज संपादित करें

विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं। जैसे-स्कूल, अनार, आम, कैंची, अचार, पुलिस, टेलीफोन, रिक्शा आदि। ऐसे कुछ विदेशी शब्दों की सूची नीचे दी जा रही है।

अंग्रेजी- कॉलेज, पैंसिल, रेडियो, टेलीविजन, डॉक्टर, लैटरबक्स, पैन, टिकट, मशीन, सिगरेट, साइकिल, बोतल , फोटो, डाक्टर स्कूल आदि।

फारसी- अनार, चश्मा, जमींदार, दुकान, दरबार, नमक, नमूना, बीमार, बरफ, रूमाल, आदमी, चुगलखोर, गंदगी, चापलूसी आदि।

अरबी- औलाद, अमीर, कत्ल, कलम, कानून, खत, फकीर,रिश्वत,औरत,कैदी,मालिक, गरीब आदि।

तुर्की- कैंची, चाकू, तोप, बारूद, लाश, दारोगा, बहादुर आदि।

पुर्तगाली- अचार, आलपीन, कारतूस, गमला, चाबी, तिजोरी, तौलिया, फीता, साबुन, तंबाकू, कॉफी, कमीज आदि।

फ्रांसीसी- पुलिस, कार्टून, इंजीनियर, कर्फ्यू, बिगुल आदि।

चीनी- तूफान, लीची, चाय, पटाखा आदि।

यूनानी- टेलीफोन, टेलीग्राफ, ऐटम, डेल्टा आदि।

जापानी- रिक्शा आदि।

डच-बम आदि।

प्रयोग के आधार पर शब्द-भेद संपादित करें

प्रयोग के आधार पर शब्द के निम्नलिखित दो भेद होते है-1.विकारी शब्द 2.अविकारी शब्द

1-विकारी शब्द के चार भेद होते है

संज्ञा

सर्वनाम

विशेषण

क्रिया

अविकारी शब्द के चार भेद होते है

क्रिया-विशेषण

संबंधबोधक

समुच्चयबोधक

विस्मयादिबोधक

इन उपर्युक्त आठ प्रकार के शब्दों को भी विकार की दृष्टि से दो भागों में बाँटा जा सकता है- 1. विकारी 2. अविकारी

1. विकारी शब्द : जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे, हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं।

2. अविकारी शब्द : जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-यहाँ, किन्तु, नित्य और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं।पर्यायवाची

विपरातार्थक शब्द

समरूप भिन्नार्थक या श्रुतिसम भिन्नार्थक

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

अनेकार्थी शब्द

एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द

अर्थ के आधार पर शब्द के भेद – पर्यायवाची शब्द संपादित करें

वे शब्द जो समान अर्थ प्रकट करते हैं, पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं | इन्हें समानार्थी शब्द भी कहते हैं |

सूर्य – रवि, सूरज, भास्कर, आदित्य |

पर्वत – भूधर, पहाड़, शैल, गिरि |

पृथ्वी – भू, भूमि, धरा, वसुधा, धरती |

ईश्वर – परमात्मा, प्रभु, भगवान, जगदीश |

विपरातार्थक शब्द (विलोम) संपादित करें

विपरीत अर्थ प्रकट करनेवाले शब्दों को विपरातार्थक शब्द (विलोम) शब्द कहते हैं |

जैसे :-

शब्द – विलोम

अमृत – विष

सम्मान – अपमान

प्रश्न – उत्तर

आदर – अनादर, निरादर

समरूप भिन्नार्थक या श्रुतिसम भिन्नार्थक संपादित करें

कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जो सुनने या पढ़ने में तो समान लगते हैं, परंतु उनके अर्थ बिलकुल अलग होते हैं | इन शब्दों को समरूप भिन्नार्थक शब्द कहते हैं |

जैसे :-

शब्द – अर्थ

1. अनल – आग

अनिल – वायु

2. मेल – एकता

मैल – गंदगी

3. बेल – लता

बैल – एक पशु

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द संपादित करें

जिन शब्दों का प्रयोग पूरे वाक्य या अनेक शब्दों के स्थान पर किया जाता है उन्हें शब्द समूह के लिए एक शब्द या अनेक शब्दों के लिए एक शब्द कहा जाता है |

जैसे :-अनेक शब्द – एक शब्द

1. जिसके आने की कोई तिथि न हो – अतिथि

2. जिसका आदि न हो – अनादि

3. जिसका जन्म न हो – अजन्मा

अनेकार्थी शब्द संपादित करें

ऐसे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं, वे अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं | जैसे –

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