Hindi, asked by Devesh5964, 11 months ago

विक्रम संवत का इतिहास। History of Vikram Samvat in Hindi

Answers

Answered by TheEmma
2

Answer:

Explanation:

भारत का सर्वमान्य संवत् विक्रम-संवत है। विक्रम-संवत् के अनुसार नव-वर्ष का आरम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। ब्रह्मपुराण के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि का आरंभ हुआ था और इसी दिन से भारतवर्ष में कालगणना आरम्भ हुई थी।

चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्जं प्रथमेहणि।

शुक्ल पक्षे समग्रे तु सदा यूर्योदये सति।।

यही कारण है कि ज्योतिष में ग्रह, ऋतु, मास, तिथि एवं पक्ष आदि की गणना भी चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही होती है।

चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा बसन्त ऋतु में आती है। वसन्त में प्राणियों को ही नहीं, वृक्ष, लता आदि को भी आह्वादित करने वाला मधुरस प्रकृति से प्राप्त होता है इतना ही नहीं वसन्त समस्त चराचर को प्रमाविष्ट करके, समूची धरती को पुष्पभरण से अलंकृत करके मानव-चित्त की कोमल वृत्तियों को जागरित करता है। इस ‘सर्वप्रिये चारूतरं वसन्ते’  में संवत्सर का आरम्भ ‘सोने में सुहागा’ को चरितार्थ करता है। हुन्दू मन में नव-वर्ष के उमंग, उल्लास, मादकता को दुगना कर देता है।

विक्रम-संवत् सूर्य-सिद्धान्त पर चलता है। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य-सिद्धान्त का मान ही भ्रमहीन एवं सर्वश्रेष्ठ है। सृष्टि संवत् के प्रारम्भ से यदि आज तक का गणित किया जाए तो सूर्य सिद्धान्त के अनुसार एक दिन का भी अन्तर नहीं पड़ता।

पराक्रमी महावीर विक्रमादित्य का जन्म अवन्ति देश की प्राचीन नगरी उच्चयिनी में हुआ था। पिता महेन्द्रदित्य गणनायक थे और माता मलयवती थीं। इस दम्पती को पुत्र प्राप्ति के लिए अनेक व्रत और तप करने पड़े। शिव की नियमित उपासना और आराधना से उन्हें पुत्ररत्न मिला था। इसका नाम विक्रमादित्य रखा गया। विक्र्म के युवावस्था में प्रवेश करते ही पिता ने राज्य का कार्य भार उसे सौंप दिया।

Answered by Anonymous
0

विक्रम संवत का इतिहास। History of Vikram Samvat in Hindi

❱ विक्रम संवत; भारतीय उपमहाद्वीप से ऐतिहासिक हिंदू कैलेंडर और आधुनिक भारत और नेपाल का आधिकारिक कैलेंडर है । यह चंद्र महीने और सौर नाक्षत्र साल का उपयोग करता है ।

Similar questions