विक्रय अनुबन्ध की शर्तों की व्याख्या कीजिए
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किसी भी स्थाई संपत्ति का विक्रय पत्र कानून द्वारा केवल विश्वास हो सकता है कि जब वह उस क्षेत्र पर अधिकारिता रखने वाले उप पंजीयक के साथ पंजीकृत हो। यदि आप के पास का दस्तावेज केवल नोटरी द्वारा तस्दीक किया हुआ है तो वह विक्रय-पत्र नहीं है केवल बिक्री का अनुबंध है। यदि आप विक्रय का मूल्य अदा कर चुके हैं तो विक्रेता से यह कह रहे हैं कि वह विक्रयपत्र निष्पादित कर उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत कराएँ।
इस के लिए विक्रेता को उप पंजीयक के कार्यालय में उपस्थित होना होगा। साथ में आप को दो गवाह भी ले जा रहे होंगे और ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क भी चुकाना होगा। पंजीकरण हो जाएगा यदि विक्रेता विक्रय पत्र निष्पादित कर रहा है और उसे पंजीकृत कराने में आर्नानी करे तो आप उसे कानूनी नोटिस दें और फिर भी वह ऐसा न करे तो आप विक्रय पत्र पर कब्जा करने और उसे पंजीकृत करवाने के लिए उक्त अनुबंध जो कि एक संविदा भी है कि की पूरी संभावित पालना है। उपलब्ध कराने के लिए सिविल न्यायालय में दावा पेश कर सकते हैं। न्यायालय डिक्री पारित कर देंगे कि के उपरांत आप उस डिक्री के आधार पर विक्रय पत्र का पंजीयन उप पंजीयक के कार्यालय में जा कर करवा सकते हैं।