विकास के नाम
पर जो वृक्षों की कटाई हो रही है उससे
उससे संबंधित दो मित्रो के बीच संवाद को लिखिये l
Answers
Explanation:
कहते है किसी भी मुल्क का विकास तभी संम्भव हो सकता है, जब वहां का यातायात व्यवस्था चुस्त दुरुस्त हो। ऐसा ही कुछ इन दिनों प्रदेश में देखने को मिल रहा है, जहां विकास के नाम पर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, नेशनल हाइवे से लेकर स्टेट हाइवे तक बनाने का काम जोरों पर चल रहा है लेकिन इन सबसे के बीच में सड़कों के किनारे खड़े दशकों पुराने हरे पेड़ों की कटाई जोरों पर हो रही है, जिससे पर्यावरण संकट का खतरा उत्पन्न हो गया है।
हालांकि इसके लिए वन विभाग को पीडब्लूडी की तरफ से वाकायदा एक पेड़ के बदले दो पेड़ लगाने का शपथ पत्र दिया जाता है, साथ ही उसके रखरखाव के लिए चार वर्ष तक का तीन हजार रुपया भी वहन करना पडता है उसके बाद वन विभाग की परमिशन पर हरे पेड़ों की कटाई की जाती है।हालांकि इसके लिए वन विभाग को पीडब्लूडी की तरफ से वाकायदा एक पेड़ के बदले दो पेड़ लगाने का शपथ पत्र दिया जाता है, साथ ही उसके रखरखाव के लिए चार वर्ष तक का तीन हजार रुपया भी वहन करना पडता है उसके बाद वन विभाग की परमिशन पर हरे पेड़ों की कटाई की जाती है।
गौरतलब है कि धुआंधार हरे पेड़ों की कटाई से शहर और रास्ते वीरान से लगने लगे हैं, हालांकि ये नजारा केवल मऊ जनपद में ही नही देखने को मिल रहा है ये नजारा नेशनल हाइवे 29 पर वाराणसी से लेकर गोरखपुर तक और बलिया से लेकर लखनऊ तक के साथ साथ दिल्ली तक जाने वाले हाइवे का नजारा वीरान सा ही है। ऐसा नहीं है