'विकास की ओर बढ़ते चरण और बिखरते मानव-मूल्य' विषय पर कक्षा में परिचर्चा कीजिए।
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पहले हमें यह समझना होगा कि मानव मूल्य होते क्या हैं? उत्तर है; सत्य, ईमानदारी, आत्मनिर्भरता, निडरता, मानवता, प्रेम, भाईचारा, दृढ़ता इत्यादि मानव मूल्य हैं। ये ऐसे मूल्य हैं, जो हमें जीवन में सही प्रकार से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। आज समय बदल रहा है। आज मनुष्य में इनकी कमी मिल रही है। हमारा कार्य है कि बच्चों में इन गुणों का विकास करना ताकि वे स्वयं को व मानवता को सही रास्ते में ले जा सके। विडंबना है कि ये हमारे जीवन से धुंधले हो रहे हैं। विकास के बढ़ते चरणों के कारण इनका क्षरण हो रहा है। अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए हम किसी भी हद तक गिर रहे हैं। ये इस बात का संकेत है कि समाज की स्थिति कितनी हद तक गिर चुकी है। चोरी, डकैती, हत्याएँ, धोखा-धड़ी, जालसाज़ी, बेईमानी, झूठ, बड़ों का अनादर, गंदी आदतें इत्यादि मूल्यों में आई कमी का परिणाम हैं। हमें चाहिए की मूल्य को पहचाने और इसे अपने जीवन में विशेष स्थान दें। जिस तरह मनुष्य को जीने के लिए हवा, पानी और भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार मनुष्य को इन मूल्यों की भी आवश्यकता है। इनके बिना मनुष्य जानवर के समान है।