वैक्सीनेशन से ना घबराए वैक्सीन लगवाए पर कविता
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वैक्सीन लगाओ कोरोना भगाओ
आइये जी वैक्सीन भगाने देखो कोरोना।
लगाते वक्त आप बस जोर से ना रोना।।
रो रहे नमूने नेता वैक्सीन को जी लेकर।
डरा रहे देश को वैक्सीन भाजपा की कहकर।।
सो कहने सुनने वालों पर ना दें जी ध्यान।
वैक्सीन लगावाने में ही है देश का कल्याण।
कल्याण जो ना चाहे वही है नेता नकली।
वैक्सीन है देश की एकदम जी असली।।
असलियत कई नेताओं की महामारी ने बतलाई।
देशवासियों का भला कौन चाहे साफ देता दिखाई।।
दिखाई दे रही वैक्सीन जिससे हारेगा कोरोना।
देख इसको देश के दुश्मन शुरू हुए रोना धोना।।
रोते धोते देश को इलाज से रहे हैं भटका।
लगाना अब जरूरी इनकी तशरीफ़ पर फटका।।
फटका लगाए देशवासी इंसानियत को बचाकर।
मारो कोरोना संग अफवाहों को वैक्सीन तुम लगाकर।।
लगाकर वैक्सीन थोड़ा दर्द बुखार होना स्वाभाविक घटना।
जाने जी यह सारा भारत, दिल्ली मुंबई हो या पटना।
पटना के हो तुम या हो जी कश्मीरी।
बहकावे में ना आकर जान बचाना जरूरी।
जरूरी है मूर्खों की अफवाहों पर ना दे ध्यान।
आखिर आप है इस देश के समझदार इंसान।।
Rakesh Meena Sawai Madhopur.
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कोरोना वैक्सीन कविता
हाजिर वैक्सीन जहाँ बचाने को
कोरोना को उखाड़ फेंकने का
जो रखे है दम
उसका नाम है जी वैक्सीन
जो बचाएगी जीवन
भले ही कोई भड़काए
चाहिए को भटकाए
वैक्सीन है एकदम सच्ची
बहकावे में ना आएं
इस वैक्सीन के अंदर
गायब है दुनिया का दर्द
बहुत दिया कम्बख्त कोरोना
दुनिया को सिरदर्द