Music, asked by jitendrasunel02, 4 months ago

विकासव
सवृद्धिम
प्रमुख
लघु एवं कुटीर उद्योगो से क्या आशय है?
अथवा
आर्थिक नियोजन के प्रमुख लक्ष्य लिखिए।
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं लिखिए।
अथवा
आर्थिक सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत कौन-कौन से
निर्धनता उन्मूलन के लिये सरकार द्वारा कौन सी​

Answers

Answered by mvandanamishra542
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Answer:

भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है, जिसमें निजी क्षेत्रा एवं सार्वजनिक क्षेत्रा का सह-असितत्व है। भारत में समाजवादी व्यवस्था पर आधारित विकास प्राप्त करने हेतू मार्च 1950 में प्रधानमंत्राी की अध्यक्षता में एक सांविधक संस्था 'योजना-आयोग का गठन किया। भारत में पंचवर्षीय योजनाओं को लागू करने हेतू योजना आयोग के साथ-साथ सन 1951 में राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया। राष्ट्रीय विकास परिषद (छक्ब्) में सभी राज्यों के मुख्यमंत्राी एवं योजना आयोग के सदस्य शामिल होते है। भारतीय योजना कमीशन को मजबूत बनाने हेतू भारत सरकार ने सन 1965 में राष्ट्रीय योजना परिषद (छच्ब्) का गठन किया।

भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है, जिसमें निजी क्षेत्रा एवं सार्वजनिक क्षेत्रा का सह-असितत्व है। भारत में समाजवादी व्यवस्था पर आधारित विकास प्राप्त करने हेतू मार्च 1950 में प्रधानमंत्राी की अध्यक्षता में एक सांविधक संस्था 'योजना-आयोग का गठन किया। भारत में पंचवर्षीय योजनाओं को लागू करने हेतू योजना आयोग के साथ-साथ सन 1951 में राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया। राष्ट्रीय विकास परिषद (छक्ब्) में सभी राज्यों के मुख्यमंत्राी एवं योजना आयोग के सदस्य शामिल होते है। भारतीय योजना कमीशन को मजबूत बनाने हेतू भारत सरकार ने सन 1965 में राष्ट्रीय योजना परिषद (छच्ब्) का गठन किया।योजना आयोग का प्रमुख कार्य Þऐसी योजना का निर्माण करना था जो देश के संसाधनों का कुशल एवं संतुलित रूप से उपयोग कर सके।ß योजना आयोग ने समयावधि 1950-56 के लिए प्रथम पंचवर्षीय योजना का निर्माण किया और इस प्रकार भारत में पंचवर्षीय योजनाओ की आधारशीला रखी गर्इ। प्रधानमंत्राी इसका (योजना आयोग) का पदेन अध्यक्ष होता है तथा वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष की नियुकित करता है जिसका दर्जा (रैंक) केबिनेट मंत्राी के समान होता है, वर्तमान में मोटेक सिंह आहलूवलिया योजना आयोग के उपाध्यक्ष हैं। भारत में पंचवर्षीय योजनाओ का प्रमुख उíेश्य राष्ट्रीय आय में तीव्र वृ)ि, बचत-निवेश में वृ)ि, आय की असमानताओं को कम करना, संतुलित क्षेत्राीय विकास, रोजगार के अवसरों का निर्माण, स्वयं स्फूर्ति, गरीबी उन्मूलन एवं अर्थव्यवस्था का आधुनिकीकरण करना इत्यादि रहा है।

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