वृक्ष हमारे सच्चे मित्र
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Answer:पेड़ मानव के सच्चे मित्र हैं। मानव का प्रकृति के साथ अटूट सबंध रहा है पेड़ -पौधे हमारे जीवन का आधार हैं इनके बिना हमारा जीवन अधूरा है। यह बड़े ही परोपकारी होते हैं वे हमें शुद्ध हवा देते हैं। पेड़ बारिश करने में सहायक होते हैं और बाढ़ को रोकने में मदद करते हैं। पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। इनकी सबसे ख़ास बात तो यह है के यह मनुष्य और अन्य प्राणियों के द्वारा छोड़ी गयी कार्बनडाईऑक्साइड गैस को खींच लेते हैं और बदले में हमें ऑक्सीजन देते हैं।Trees are our Best Friends Essay
पेड़ों (Trees) की जड़ें भूमि के कटाव को रोके रखने में सक्षम होती हैं जिससे भूमि मारुथल बनने से बचती है। इसके इलावा पेड़ो -पौधों से हमें फ़ल और भोजन प्राप्त होता है। पेड़ों से हमें लकड़ी प्राप्त होती है जिसे हम ईंधन और फर्नीचर आदि बनाने में प्रयोग करते हैं। पेड़ों से कई प्रकार की जड़ी बूटियां तैयार की जाती हैं जो कई प्रकार की बीमारियों में सहायक होती हैं। पेड़ों की इतनी सारी उपयोग्ताओं के कारण इन्हें मूल्यवान माना जाता है।
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वृक्षों का महत्व- वृक्ष और मानव दोनों ही प्रकृत्ति की सन्तान हैं. वृक्ष अग्रज है जो उन पर निर्भर मानव उनके अनुज है. हमारे जीवन में वृक्षों का सदा से ही महत्व रहा हैं. वृक्ष हमारे सच्चे मित्र हैं. सुख दुःख के साथी हैं. इनका ह्रदय बड़ा उदार हैं. ये हमें देते ही देते हैं. हमसे बदले में केवल मित्रता की अपेक्षा रखते हैं. ये पर्यावरण के संरक्षक हैं. वृक्षों के अभाव में सुखी और सम्रद्ध जीवन की कल्पना असम्भव हैं.
वृक्षों के लाभ- वृक्षों का सामूहिक नाम वन या जंगल हैं. प्रकृति ने मनुष्य को अपार वन सम्पदा की अमूल्य भेट दी हैं. हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र में वृक्षों की महत्वपूर्ण उपस्थिति हैं. वृक्षों से हमें अनेक लाभ हैं.
वृक्ष हमें सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का स्रजन करते हैं. मन की प्रसन्नता और शांति प्रदान करते हैं.
वृक्षों से हमें अनेक प्रकार के लाभदायक और आवश्यक पदार्थ प्राप्त होते हैं. ईधन, चारा, फल, फूल, औषधियाँ आदि अनेक वस्तुएं हैं.
अनेक उद्योग वृक्षों पर आश्रित हैं. फर्निचर उद्योग, भवन निर्माण उद्योग, खाद्य पदार्थ, तेल मसाले, अनाज आदि से सम्बन्धित उद्योग, औषधि उद्योग वृक्षों पर ही निर्भर हैं.
वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध करते हैं. बाढ़ों को रोकते हैं. वर्षा को आकर्षित करते हैं. उपयोगी मिटटी के क्षरण को रोकते हैं.
वृक्षों का विकास- ऐसे निष्कपट, परोपकारी सच्चे मित्रों का विकास करना हमारा नैतिक ही नहीं लाभप्रद दायित्व भी हैं. यदपि प्रकृति स्वयं वृक्षों का विकास करती हैं. किन्तु आज के उद्योग प्रधान और सुख साधनों पर केन्द्रित मानव जीवन ने वृक्षों के विनाश में ही अधिक योगदान किया हैं.
मानव समाज का विकास वृक्षों के विकास का शत्रु सा बन गया हैं. अतः हमें वृक्षों के विकास और संरक्षण पर अधिक ध्यान देना चाहिए. वृक्षों का विकास अधिकाधिक वृक्षारोपण और वनों, उपवनों, पार्कों आदि के संरक्षण से ही संभव हैं. नई नई योजनाओं में वृक्षों की अविवेकपूर्ण और अंधाधुंध कटाई पर नियंत्रण आवश्यक हैं. वृक्षों और वनों के साथ ही मानव जाति का कुशल क्षेम जुड़ा हुआ हैं. अतः वन संपदा का संरक्षण परम आवश्यक हैं. वृक्षारोपण और वृक्ष संरक्षण को एक अभियान के रूप में चलाना शासन का दायित्व हैं.
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