वृक्ष को ममता का आगर क्यों कहा गया है
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पेड़-पौधे प्रकृति का अनमोल उपहार हैं, इन्हें संजोएं : गांधी
पेड़काटनेमें घंटों का समय लगता है। पौधारोपण करना चंद सेकेंड का काम है। उसके बाद भी हम पौधे लगाने में नहीं पेड़ काटने में ज्यादा गंभीरता दिखाते हैं। इसी तरह से पेड़ों पर यदि लालच की कुल्हाड़ी चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब आने वाली पीढ़ियां पेड़ों की छाया तक तरस जाएगी। अकाल भी सकता है। हम सभी को मिलकर पेड़ों की घटती संख्या को बढ़ाकर पर्यावरण को बचाना है। सभी के प्रयास से ही इस मुहिम में कामयाबी मिलेंगी। जब भी समय मिले हमें एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। उक्त शब्द स्वामी विवेकानंद सेंट लोट्स वैली स्कूल सेक्टर-18 में आयोजित दैनिक भास्कर के पौधारोपण अभियान में प्रिसिंपल आक्षी कांबोज अन्य वक्ताओं ने कहें। अभियान में स्वामी विवेकानंद सेंट लोट्स वैली स्कूल के स्टूडेेंट्स, स्वामी विवेकानंद बीएड नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में प्रिंसिपल कांबोज ने स्टूडेंट्स को मोटिवेशन करते हुए कहा कि वह फोर्थ क्लास में थी। उनके स्कूल में पौधारोपण हो रहा था। उनको भी एक अमरूद का पौधा अभियान में मिला। उस पौधे को कांबोज ने पापा के साथ अपने घर के आगंन में लगाया। उसकी खूब देखभाल की। उस पौधे को वह अपने परिवार के सदस्य की तरह मानती है। हम सभी को इस तरह से पौधारोपण करने के बाद उनका ध्यान रखना है। तभी यह मुहिम सफल होगी।