वृक्ष का संधि विच्छेद क्या है
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वर्+अक्ष
Answer:
वृक्ष का संधि विच्छेद वर्+अक्ष है
Explanation:
दो शब्दों के योग से बने शब्द का पुनः पृथक्करण सहपृथक्करण कहलाता है। अर्थात अनुबंध शब्दों के पृथक्करण को अनुबंध का पृथक्करण कहा जाता है।
जुदाई का अर्थ है अलग होना।
जैसा -
हिम + आलय (ए + आ)
हिम + (ए + आ) + लय
हिमा आ लाया ("ए" के साथ "म" मिलकर "हिमा" बनाता है)
अब 'हिमा' और 'ले' को मिलाकर 'हिमालय' हो गया।
तीन प्रकार के अनुबंध हैं। जिसका विवरण नीचे दिया गया है।
स्वर रज्जु
व्यंजन अकॉर्डियन
विवाह अनुबंध
इन सभी प्रकारों का वर्णन नीचे किया गया है।
स्वर सन्धि पाँच प्रकार की होती है
दीर्घ स्वर
स्वर राग
मुखर डोरियों को ऊपर उठाएं
याना स्वर अनुबंध
अयादि स्वरा संधि
दीर्घ स्वर
इसमें दो स्वर्ण या समस्वर स्वरों का मिलन होता है और उनके दीर्घ रूप बनते हैं। इसका अर्थ है कि दो स्वर्ण स्वर एक साथ दीर्घ हो जाते हैं।
इस अनुबंध के चार रूप हैं -
1 - ए/ए + ए/ए = ए
ए + आ = आ
ए + आ = आ
आ + ए = आ
आ + आ = आ
2 - ई / ई + ई / ई = ई
ई + ई = ई
ई + ई = ई
ई + ई = ई
ई + ई = ई
3 – यू / ऊ + यू / ऊ = ऊ
यू + यू = यू
यू + यू = यू
ऊ + ऊ = ऊ
ऊ + ऊ = ऊ
4 - ऋ + ऋ/ ऋ = ऋ (केवल संस्कृत में प्रयुक्त)
जैसे – पिता + ऋण = पिता
#SPJ3