वृक्ष लगाने से हमें क्या पुण्य मिलता है हिंदी में भेजो
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प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है। प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। गर्मी, सर्दी, वर्षा आदि सब प्रकृति के सन्तुलन पर निर्भर करते हैं। यदि प्रकृति समृद्ध एवं सन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी अच्छा होगा और सभी मौसम भी समयानुकूल सन्तुलित रहेंगे। यदि प्रकृति असन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी असन्तुलित होगा और अकाल, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं कहर ढाने लगेंगी। प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसीलिए हमारे पूर्वजों ने पेड़ों को पूरा महत्व दिया। वेदों-पुराणों और शास्त्रों में भी पेड़ों के महत्व को समझाने के लिए विशेष जोर दिया गया है। पुराणों में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि एक पेड़ लगाने से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना कि दस गुणवान पुत्रों से यश की प्राप्ति होती है। इसलिए, जिस प्रकार हम अपने बच्चों को पैदा करने के बाद उनकी परवरिश बड़ी तन्मयता से करते हैं, उसी तन्मयता से हमें जीवन में एक पेड़ तो जरूर लगाना चाहिए और पेड़ लगाने के बाद उसकी सेवा व सुरक्षा करनी चाहिए। तभी हमें पेड़ लगाने का परम पुण्य हासिल होता है। भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि जिसकी संतान नहीं है, उसके लिए वृक्ष ही संतान है। वृक्ष एक तरह से संतान की तरह ही मानव की उम्रभर सेवा करते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।
कुल मिलाकर, पेड़ सृष्टि का आधार हैं। इनका पौराणिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है। इनके द्वारा उत्सर्जित ऑक्सीजन और कार्बनडाइक्साईड गैस के अवशोषण के गुण मानव जीवन के लिए अमोघ वरदान है। पेड़-पौधे धार्मिक कार्यकलापों के साथ-साथ यह स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाते हैं। प्राकृतिक सन्तुलन में पेड़ मुख्य भूमिका निभाते हैं। प्राकृतिक आपदाएं, प्रकृति के असन्तुलन से ही बढ़ी हैं। यदि इन पर अंकुश लगाना है तो पौधारोपण पर अधिक से अधिक जोर देना होगा। पौधारोपण करने के उपरांत उनकीं सुरक्षा करना बेहद जरूरी हो जाता है। प्रतिवर्ष लाखों पेड़ लगाए जाते हैं, लेकिन सुरक्षा एवं देखभाल के अभाव में वे जल्द ही दम तोड़ जाते हैं। इससे कोई लाभ नहीं होने वाला है। हमें यह निश्चय करना होगा कि जहां से एक पेड़ कटे, वहों कम से कम दो पेड़ लगाने चाहिए। यदि हम हर पर्व, जन्मदिन अथवा अन्य खुशी के पावन अवसरों पर पौधारोपण करने व पौधे उपहार स्वरूप देने की परंपरा शुरू करने का निश्चय करें तो नि:सन्देह अल्प समय में ही धरा वृक्षों से हरीभरी हो जायेगी और चहुंओर सुख, समृद्धि एवं शांति की अनहद बयार बहती नजर आयेगी। प्राकृतिक आपदाओं से मुक्ति तो मिलेगी ही, साथ ही अपार पुण्य एवं मानसिक शांति की भी प्राप्ति होगी।
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जीवन बचाने जैसा
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