Hindi, asked by kuldeepalawat, 1 year ago

वृक्षारोपण - एक आवश्यकता पर बीस लाइन


kuldeepalawat: please help me

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Answered by Romalshah
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आदिकाल से वन मनुष्य की जरूरतओं की पूर्ति करते आ रहे हैं। हमारे जीवन में वृक्षों का महत्वपूर्ण स्थान है। पेड़ पौधे मनुष्य को अनाज, जड़ी बूटी, फल फूल और ईंधन उपलब्ध कराते हैं। मकान बनाने के लिए लकड़ी देते हैं। सबसे बड़ी बात पेड़ प्राणियों को शुद्ध वायु प्रदान करते हैं, प्रदूषण को रोकते हैं, पानी के बहाव एवं मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और पर्यावरण के संतुलन को बनाने में सहायक होते हैं।

आदि युग में तो मनुष्य पेड़ की छाल के कपड़े पहनता था, फल फूल खाता था, लकड़ी के अस्त्र शस्त्र बनाकर उनसे जानवरों को मार कर पेट भरता था। लकड़ी जला कर जानवरों को डराता था इसीलिये भारत में पेड़ों की पूजा की जाती है और तुलसी, केला, पीपल, बड़ आदि पेड़ों को काटना पाप समझा जाता है।

आज से सौ वर्ष पूर्व भारत के पास अपार वन सम्पदा थी। किन्तु औद्योगीकरण एवं शहरीकरण के कारण गाँव, शहरों में बदलते जा रहे हैं। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। शहर इमारतों व फैक्ट्रियों के विस्तार द्वारा सीमेंट के जंगल बनते जा रहे हैं। वृक्षों की कटाई एवं वनों के विनाश के कारण भूमि क्षरण, मौसम में भारी परिवर्तन एवं जंगली जानवरों के लुप्त होने की संभावना बढ़ गयी है।

सरकार ने वनों की रक्षा के लिये कड़े कदम उठाये हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वन महोत्सव कार्यक्रम चलाया गया था। आज भी हरे भरे पेड़ों को काटना कानूनन अपराध है।

सरकार ने कई राज्यों में राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य स्थापित किये हैं। वर संरक्षण के लिये बहुत अधिक प्रयास किये जा रहे हैं। विद्यालयों में भी इसको प्रोत्साहित करने के लिए बच्चों से वृक्ष लगवाये जाते हैं।

‘हर जन्मदिन पर एक वृक्ष लगायें, भारत को हरा भरा बनायें’ जैसे नारे दिये जा रहे हैं।

वृक्ष हमारे संरक्षक हैं इसलिए हमें उनकी संख्या में वृद्धि करनी चाहिये, परन्तु केवल नारे लगाने से कुछ नहीं होगा और उनको कटने से बचाना चाहिये।

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