Hindi, asked by dewangansaket9, 20 hours ago

वृक्षारोपण पर निबंध 200शब्दों में​

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Answered by bhavikasingla783
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वृक्षारोपण का शाब्दिक अर्थ है। वृक्ष लगाकर उन्हें उगाना इसका प्रयोजन करना है। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना। मानव के जीवन को सुखी, सम्रद्ध व संतुलित बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण का अपना विशेष महत्व है। मानव सभ्यता का उदय तथा इसका आरंभिक आश्रय भी प्रकृति अर्थात वन व्रक्ष ही रहे हैं। मानव को प्रारम्भ से प्रकृति द्वारा जो कुछ प्राप्त होता रहा है। उसे निरन्तर प्राप्त करते रहने के लिए वृक्षारोपण अती आवश्यक हैनिकलकर झोपड़ियों का निर्माण आरंभ किया तो उसमें भी वृक्षों की शाखाएं व पत्ते ही काम आने लगे, आज भी जब कुर्सी, मेज, सोफा, सेट, रेक, आदि का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। यह भी मुख्यतः लकड़ी से ही बनाए जाते हैं। अनेक प्रकार के फल-फूल और औषधियों भी वृक्षों से ही प्राप्त होती है। वर्षा जिससे हमें जल व पेय जल प्राप्त होते हैं वह भी प्राय वृक्षों के अधिक होने पर ही निर्भर करती है। इसके विपरीत यदि हम वृक्ष-शून्य की स्थिति की कल्पना करें तो उस स्थिति में मानव तो क्या समुची जीव सृष्टि की दशा ही बिगड़ जाएगी। इस स्थिति से बचने के लिए वृक्षारोपण करना अत्यंत आवश्यक है।

आजकल नगरों तथा महानगरों में छोटे-बड़े उद्योग–धंधों की बाढ़ से आती जा रही है। इनसे धुआं, तरह-तरह के विषैली गैसें आदि निकलकर वायुमंडल में फेल कर हमारे पर्यावरण में भर जाती है। पेड़ पौधे इन विषैली गैसों को वायुमंडल में फैलने से रोक कर पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकते हैं। यदि हम चाहते हैं कि हमारी यह धरती प्रदूषण रहित रहे तथा इस पर निवास करने वाला मानव सुखी व स्वस्थ बना रहे तो हमें पेड़-पौधों की रक्षा तथा उनके नवरोपण की ओर ध्यान देना चाहिए।भारत की सभ्यता वनों की गोद मे ही विकासमान हुई है। हमारे यहां के ऋषि मुनियों ने इन वृक्ष की छांव में बैठकर ही चिंतन मनन के साथ ही ज्ञान के भंडार को मानव को सौपा है। वैदिक ज्ञान के वैराग्य में, आरण्यक ग्रंथों का विशेष स्थान है वनों की ही गोद में गुरुकुल की स्थापना की गई थी। इन गुरुकुलो में अर्थशास्त्री, दार्शनिक तथा राष्ट्र निर्माण शिक्षा ग्रहण करते थे इन्ही वनों से आचार्य तथा ऋषि मानव के हितों के अनेक तरह की खोजें करते थे ओर यह क्रम चला ही आ रहा है। पशियो चहकना, फूलो का खिलना किसके मन को नहीं भाता है इसलिए वृक्षारोपण हमारी संस्कृती में समाहित है।

मानव सभ्यता के उदय के आरंभिक समय में वह वनों में वृक्षों पर या उनसे ढकी कन्दराओं में ही रहा करता था। वह (मानव) वृक्षों से प्राप्त फल-फूल आदि खाकर या उसकी डालियों को हथियार के रूप में प्रयोग करके पशुओं को मारकर अपना पेट भरा करता था। वृक्षों की छाल की वस्त्रों के रूप में प्रयोग करता था। यहाँ तक कि ग्रन्थ आदि लिखने के लिए जिस सामग्री का प्रयोग किया जाता था। वे भोज–पत्र अर्थात विशेष वृक्षों के पत्ते ही थे। वृक्ष वातावरण को शुद्ध व स्वच्छ बनाते है। इनकी जड़ें भूमि के कटाव को रोकती है। वृक्षों के पत्ते भूमि पर गिरकर सड़ जाते हैं। तथा ये मिट्टी में मिलकर खाद बन जाते है। और भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते है

Answered by raksha61
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ANSWER : पर्यावरण को शुद्ध रखने और ताजी हवा खाने के लिए वृक्षारोपण बहुत ही जरूरी है। आज का आर्टिकल हमारा वृक्षारोपण पर निबंध से संबंधित है।आप भी वृक्षारोपण से संबंधित जानकारी हासिल करना चाहते हैं। तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।विभिन्न प्रयोजनों के लिए पौध को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को वृक्षारोपण है। इसके अलावा, वृक्षारोपण के पीछे कई कारण हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण हैं वानिकी, भूमि सुधार और भूनिर्माण। वृक्षारोपण की प्रत्येक प्रक्रिया अपने आप में महत्वपूर्ण और अनूठी है।वृक्षारोपण का सबसे आम और ज्ञात उद्देश्य वानिकी है। पृथ्वी के पर्यावरण के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए वन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पहले वन पृथ्वी की सतह के एक बड़े हिस्से को कवर करने के लिए उपयोग करते थे। लेकिन, अब उद्योगों के कारण वनों की तेजी से कटौती और बंदोबस्त के लिए भूमि के कारण वनों की संख्या कम हो गई है।

वृक्षारोपण का सबसे आम और ज्ञात उद्देश्य वानिकी है। पृथ्वी के पर्यावरण के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए वन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पहले वन पृथ्वी की सतह के एक बड़े हिस्से को कवर करने के लिए उपयोग करते थे। लेकिन, अब उद्योगों के कारण वनों की तेजी से कटौती और बंदोबस्त के लिए भूमि के कारण वनों की संख्या कम हो गई है।इसके अलावा प्राकृतिक रूप से जंगल का विकास होता है। वनों की गति को तेज करने के लिए इसमें हमारा योगदान जरूरी है। साथ ही, यह वनों की कटाई के कारण होने वाले नुकसान से जंगल को उबरने में मदद करेगा। साथ ही हमारे सहयोग से वृक्षारोपण की गति को बढ़ाया जा सकता है।

वृक्षारोपण का सबसे आम और ज्ञात उद्देश्य वानिकी है। पृथ्वी के पर्यावरण के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए वन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पहले वन पृथ्वी की सतह के एक बड़े हिस्से को कवर करने के लिए उपयोग करते थे। लेकिन, अब उद्योगों के कारण वनों की तेजी से कटौती और बंदोबस्त के लिए भूमि के कारण वनों की संख्या कम हो गई है।इसके अलावा प्राकृतिक रूप से जंगल का विकास होता है। वनों की गति को तेज करने के लिए इसमें हमारा योगदान जरूरी है। साथ ही, यह वनों की कटाई के कारण होने वाले नुकसान से जंगल को उबरने में मदद करेगा। साथ ही हमारे सहयोग से वृक्षारोपण की गति को बढ़ाया जा सकता है।हम इस प्रकार के वृक्षारोपण शहरों या शहरी क्षेत्रों में करते हैं। इनमें से अधिकांश क्षेत्रों में पेड़-पौधों का अभाव है। इसके अलावा, वृक्षारोपण इन क्षेत्रों को रहने लायक बनाता है। यह शहर के माहौल को और अधिक सुंदरता प्रदान करता है।

इसके अलावा, यह एक अच्छी भावना प्रदान करता है और जगह को रहने लायक बनाता है। यह आसपास को सुंदर बनाने का सबसे आसान तरीका है। सुधार के उद्देश्य से अक्सर हमारे घर के पार्कों, बगीचों, सड़कों के किनारे, सोसायटी और बगीचे में पेड़ लगाए जाते हैं।

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