वृक्ष रोपण विषय पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए
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वृक्षारोपण का सामान्य एवं विशेष शब्द का अर्थ है वृक्ष लगाकर उन्हें उगाना. जिससे प्रकृति का संतुलन बना रहे. वन संपदा के रूप में प्रकृति से हमें जो कुछ भी प्राप्त होता है वह नियम पूर्वक हमेशा आगे भी प्राप्त होता रहे ताकि हमारा समाज जीवन संतुलन बना रहे.
मानव सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ पानी है. उसका जीवन सुखी, समृद्ध एवं संतुलित रह सके, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यापक मानव्य दृष्टि से इससे अच्छी और क्या बात हो सकता है. इस कारण भी वृक्षारोपण करना एक प्रकार सहज संस्कृति का दायित्व स्वीकार किया गया है.
वृक्षारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व है. मानव सभ्यता का उदय और आरंभिक ऐश्वर्य प्रकृति यानी बन्ना परीक्षा ही रहे हैं. उसकी सभ्यता संस्कृति के आरंभिक विकास का पहला चरण भी बन वृक्षा की स गाना छाया में ही उठाया गया.
धोखे से प्राप्त फल फूल आदि खा कर या उसकी डालियों के हथियार की तरह प्रयोग में लेकर उनसे शिकार करके अपना पेट भरा करता था. बाद में बच्चे कु चे फल और उनकी गुठलआंखों दुबारा उगते देखकर ही मानव ने खेती-बाड़ी करने की प्रेरणा और सीख प्राप्त की.
वृक्ष की छाल का ही सदियों तक आदिमानव वस्त्र रुपए प्रयोग करता रहा. यद्यपि बाद में बन मैं रहकर तपस्या करने वालों, बनबसा के लिए ही वे रह गए थे. वृक्ष से हमें फल, सब्जियां ,लकड़ियां, आदि प्राप्त होती है. लकड़ी से फर्नीचर ,कागज, गोद आदि वस्तुएं तैयारी की जाती है. पेड़ ना केवल हमें शुद्ध हवा प्रदान करते हैं. बल्कि पर्यावरण को भी सुंदर बनाते हैं. पेड़ पर पक्षी अपना घोंसला बनाकर रहते हैं. पेड़ मनुष्य को छाया प्रदान करके उससे गर्मियों से बचाने के लिए मदद करते हैं. पेड़ों को ना होने से मनुष्य का जीवन संकट में आ जाएगा.
पेड़ खुद धूप और तूफान सहते है . और हमें शीतल छाया और हवा प्रदान करते हैं. इसमें पेड़ कभी किसी से भेदभाव नहीं करता है. और ना किसी को भी को अपना या पराया कहते हैं. इसलिए हमें भी उसकी रक्षा करनी होगी. और लोगों को पेड़ कटने से रोक नहीं होगी, इनका हम पर बहुत उपकार है. यदि हमारा जीवन में हमें एक अच्छा जीवन चाहिए तो हमें अपने बच्चों की तरह उससे पालन करना होगा. शुद्ध हवा और ऑक्सीजन के बिना मानव जीवन असंभव है.