वृक्षासन पर निबन्ध
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पंजों की दिशा नीचे की ओर हो और दाएं पांव के तलवे से जांघ को दबाएं। ध्यान रहे मुड़े हुए पांव को दूसरे पांव के साथ समकोण बनाए। अब हथेंलियों और अंगुलियों को प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ें, ऊपर उठाएं और छाती पर रखें फिर धीरे-धीरे उन्हेंं उठाकर सिर से ऊपर ले जाएं। आपके दोनों हाथ सिर से सटे होनी चाहिए l
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Explanation:
योग विज्ञान में भारत के महान योगियों और ऋषियों ने जिन आसनों की रचना की है, उन सभी की प्रेरणा का सोर्स प्रकृति ही रहा है। वह प्रकृति को ही मनुष्यों के सृजन, पालन और विनाश का आधार मानते थे। शायद यही कारण है कि योग विज्ञान का हर आसन प्रकृति के किसी अंग, जीव-जंतु, पक्षी, वस्तु या अंगों से बनाई जाने वाली मुद्रा पर ही आधारित होता है।
योग विज्ञान की यही बात उसे प्रकृति का विज्ञान बनाने में मदद करती है। योग विज्ञान का ऐसा ही एक आसन वृक्षासन योग (Vrikshasana) भी है। वृक्षासन को ट्री पोज (Tree Pose) भी कहा जाता है। वृक्षासन ऐसा योगासन है जो आपके शरीर में स्थिरता, संतुलन और सहनशक्ति लाने में मदद करता है।
इसलिए इस आर्टिकल में मैं आपको वृक्षासन क्या है, वृक्षासन के फायदे, इसे करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में जानकारी दूंगा।