वाक्य बनाओ:
कोमल
विद्यार्थी
परीक्षा
मित्र
घर
खिलाड़ी
मैदान
वृक्ष
विद्यालय
बगीचा
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मैनेजर की कठोर मुद्रा कोमल हो गयी।"
पचास विद्यार्थी इसी के आसरे संस्कृत पढ़ते और भोजन पाते थे।
यह उसके लिए परीक्षा की घड़ी थी जिसमें सफल हो जाने पर उसका भविष्य निर्भर था।
दोनों मित्र दूसरे दिन दरबार में पहुंचे l
मैंने उस औरत की बातों में आकर अपने सारे घर का चिट्ठा बयान कर दिया।
हमारी टीम में तीन नये खिलाड़ी जुड़े-जाफर, मेहरा और अर्जुन सिंह।
लम्बे-चौड़े मैदान में हजारों आदमी इस तमाशे को देख रहे थे।
इसमें से थोड़ी-थोड़ी लकड़ी काटकर धन कमाते रहो ओर नये-नये वृक्ष लगाते रहो।"
थोड़े दिन हुए, उसने विद्यालय में सॉँपों पर एक मार्के का व्याख्यान दिया था।"
"पाठशाला के दारो-दीवार मुस्करा रहे हैं और हरा-भरा बगीचा फूला नहीं समाता।"
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