वाक्यों में रेखांकित सर्वनाम का प्रकार लिखिए
जैसी करनी वैसी भरनी
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Explanation:
सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें ‘सर्वनाम’ कहते हैं। “राजीव देर से घर पहुंचा, क्योंकि उसकी ट्रेन देर से चली थी।” इस वाक्य में ‘उसकी’ का प्रयोग ‘राजीव’ के लिए हुआ है, अतः ‘उसकी’ शब्द सर्वनाम कहा जाएगा। हिन्दी में सर्वनामों की संख्या 11 हैं, जो निम्न हैं-
मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, कुछ, कौन, क्या।
सर्वनाम के भेद व्यावहारिक आधार पर सर्वनाम के निम्नलिखित छ: भेद हैं-
परिभाषा प्रकार प्रयोग अभ्यास सर्वनाम संज्ञाओं की पुनरावृत्ति को रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनाता है। नीचे लिखे वाक्यों को ध्यानपूर्वक देखें
पेड़-पौधे प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया के दरम्यान ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।
पेड़-पौधे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखते हैं।
पेड़-पौधे विभिन्न जीवों को आश्रय प्रदान करते हैं।
पेड़-पौधे भू-क्षरण को रोकते हैं।
पेड़-पौधों से हमें फल-फूल, दवाएँ, इमारती लकड़ियाँ आदि मिलते हैं।
अब इन वाक्यों पर गौर करें-
पेड़-पौधे प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया के दरम्यान ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।
वे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखते हैं।
वे विभिन्न जीवों को आश्रय प्रदान करते हैं।
वे भू-क्षरण को रोकते हैं।
उनसे हमें फल-फूल, दवाएँ, इमारती लकड़ियाँ आदि मिलते हैं।
आपने क्या देखा? प्रथम पाँचों वाक्यों में संज्ञा ‘पेड़-पौधे’ दुहराए जाने के कारण वाक्य भद्दे हो गए जबकि नीचे के पाँचों वाक्य सुन्दर हैं। आपने यह भी देखा कि ‘वे’ और ‘उनसे’ पद ‘पेड़-पौधे’ की ओर संकेत करते हैं।
अतएव, सर्वनाम वैसे शब्द हैं, जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं।
‘उक्त वाक्यों में ‘वे’ और ‘उनसे’ सर्वनाम हैं।
मूलतः सर्वनामों की संख्या ग्यारह है
मै, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई और कुछ ये सभी म I