Hindi, asked by Anjali9540, 6 months ago

वाक्य पूर्ण कीजिए = मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूँ क्योंकि _____________.

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Answered by rairohitraj7
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Answer:

मुझे भारतीय होने पर गर्व है

मुझे भारतीय होने पर गर्व है निबंध mujhe bhartiya hone par garv hai mujhe garv hai mere bharat par nibandh मुझे भारतीय होने पर गर्व है essay आपको भारतीय होने पर गर्व क्यों है आपको अपने भारतीय होने पर गर्व है मुझे गर्व है मेरे भारत पर मुझे गर्व है मैं भारतीय हूं हमें भारतीय होने पर गर्व क्यों है मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूँ निबंध mujhe garv hai ki mai bhartiya hoon par anuched मुझे गर्व है मेरे भारत पर निबंध - जिस देश में हमने जन्म लिया है, जिसका अन्न-जल हमारे शरीर को पोषित कर रहा है, जिस की वायु हमारे शरीर में प्राण वायु बन कर संचरित हो रही है, उससे प्यार करना स्वाभाविक है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने देश-प्रेम को साहचर्यगत प्रेम कहा है। लम्बे समय तक किसी स्थान पर रहने के कारण उस स्थान से प्यार होना स्वाभाविक है। मुझे भारत से प्यार है, अपने भारतीय होने पर गर्व है । इस गर्व का कारण मात्र यही नहीं है कि मैं यहां पैदा हुआ हूं। इस गर्व का कारण अत्यधिक गहरा है।यह मेरा सौभाग्य है कि मैं भारत में पैदा हुआ। भारत महान् परम्पराओं का देश है। एक समय था जबकि इसे विश्व गुरु माना जाता था और ज्ञान-पिपासु अपनी प्यास बझाने के लिए भारत की ओर खिचे चले आते थे। नालन्दा विक्रमशिला एवं तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय शिक्षा के उच्चतम स्तरों को छुते थे। विशालकाय पुस्तकालयों में पुस्तकों का अक्षय भण्डार था। सृष्टि के उषाकाल में इस पावन धरती पर वेदों की ऋचाएं लिखी गई और जन-कल्याणकारी यज्ञों का सुगन्धित धुँवा वातावरण में फैला। वैदिक ऋषियों ने जिस वैश्विक दृष्टि का परिचय दिया और मानव धर्म का प्रचार किया वह अभुतपूर्व था।

Answered by Jamestiwari
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भारत मेरे बचपन का झूला है | भारत में जन्मे चाणक्य ने विश्व को राजनीति, कानून का पाठ पढ़ाया। इन सब विशेषताओं के कारण भारत ‘विश्वगुरु’ कहलाया। यहाँ के नालंदा, काशी, तक्षशिला विश्वविद्यालयों में रहकर ज्ञानार्जन करने के लिए दूर-दूर से छात्र आते थे। चीनी यात्री फाह्यान, हवेनसांग ज्ञान-प्राप्ति के लिए इसी देश में आए थे। इसी देश में राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध, महावीर, नानक, गांधी, नेहरू, तिलक, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, सुखदेव आदि महान् पुरुष उत्पन्न हुए। यहीं से उत्पन्न होकर-‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया’, का नारा समस्त विश्व में गूंज उठा। यही वह महान् देश है जहाँ रामायण, महाभारत तथा वेदों की रचना हुई।

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