विकलांगों की मदद करना नैतिक जिम्मेदारी 75words paragraph
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Answer:प्रत्येक वर्ष 3 दिसम्बर को विश्वभर में ‘अन्तर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस’ मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य है शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अशक्त लोगों की सोच को सकारात्मक कर एवं उनके साथ-साथ समाज के सभी वर्गों की भागीदारी व सहयोग को प्रोत्साहन देकर उन्हें विकास की आम धारा में लाना ।
वास्तव में, मानव समाज सभ्यता के प्रारम्भिक चरण से ही विकलांगता से आ रहा है और आज जब हम 21वीं सदी में पहुँच चुके हैं, तब भी विकलांगों की स्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं हुए हैं । संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार, वर्तमान समय में विश्वभर में एक अरब के आस-पास विकलांग लोग हैं ।
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जागरण संवाद केंद्र, राजौरी : विकलांगों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उनकी जितनी मदद हो सके, करनी चाहिए। विकलांगों की मदद करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होना होगा। ऐसे कार्यो में बच्चों की एक अहम भूमिका है।
विश्व विकलांगता दिवस पर ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल से विद्यार्थियों ने रैली निकालकर लोगों को विकलांगों की मदद के लिए जागरूक किया। रैली सीईओ कार्यालय में संपन्न हुई। इस रैली को जिला आयुक्त हेमंत कुमार ने झंडी दिखा कर रवाना किया। इस अवसर पर एएसपी राजौरी शिव कुमार सिंह चौहान के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। जिला आयुक्त हेमंत कुमार ने कहा कि विकलांग व्यक्ति को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उसकी जितनी मदद हो सके, करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई विकलांग सड़क को पार करने के लिए किनारे खड़ा है तो लोग उसे देखकर आगे निकल जाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। विकलांग व्यक्ति को सड़क पार करवाना चाहिए। इस संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होना होगा। ऐसे कार्यो में बच्चों की एक अहम भूमिका है। वह अपने परिवार के सदस्यों को जागरूक करने के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें।
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