"वाख" कविता में 'माझी' किसे कहा गया है ?
(a) नाविक को,
(b) वैराग्य को,
(c) मनुष्य को,
(d) ईश्वर को।
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श्रीकृष्ण की मुसकान अत्यंत आकर्षक एवं मादक है। गोपियाँ इस मुसकान को देखकर अपनी सुध-बुध खो बैठती हैं। उनका खुद अपने तन-मन पर नियंत्रण नहीं रह जाता है। वे विवश होकर स्वयं को नहीं सँभाल पाती हैं।
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"वाख" कविता में 'माझी' (d) ईश्वर को कहा गया है।
"वाख" कविता में 'माझी' किसे कहा गया है ?
- ईश्वर के लिए उपयोग किया जाता है।
कवयित्री को वाख पद्य के माध्यम से मनुष्य को क्या प्रेरणा प्रदान करने की आवश्यकता है?
- कलाकार ने छंद के माध्यम से यह संदेश दिया है कि मनुष्य को हिंदू और मुस्लिम में भेद नहीं करना चाहिए क्योंकि ईश्वर अपरिहार्य है।
- वह कहती है दयालु आदमी! आप सख्त अलगाव छोड़ दें और इसे अपनाएं।
- ईश्वर को जानने से पहले आपको स्वयं को जानना चाहिए अर्थात आत्मज्ञान प्राप्त करना चाहिए।
माझी शब्द से क्या तात्पर्य है?
- मांझी स्टेशन का मतलब नाविक होता है।
- नाविक, नाविक, नाविक, निषाद इसके समकक्ष शब्द हैं।
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