वाख कविता में '' सम खा" का क्या तात्पर्य है
Answers
Answered by
21
Answer:
यदि कोई आडम्बर से भरी हुई पूजा करता है तो उससे कुछ नहीं मिलता है। पूजा नहीं करने वाला अपने अहंकार में डूब जाता है। यदि आप अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर लेते हैं तो समझिये कि आपने असली पूजा की। इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने से ही ज्ञान के बंद दरवाजे आपके लिए खुल जाते हैं। हमारी ज्ञानेंद्रियाँ हमें हमारे शरीर से बाहर की दुनिया से तालमेल और संपर्क बिठाने में मदद करती हैं। देखना, सुनना, सूंघना, स्पर्श करना और स्वाद लेना; ये सारी क्रियाएँ हमारे लिए बहुत जरूरी हैं। लेकिन यदि आपने इन किसी पर से भी अपना नियंत्रण खो दिया तो बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। उदाहरण के लिए स्वाद को लीजिए। मिठाई यदि ज्यादा खाई जाये तो उससे मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी हो जाती है।
Answered by
3
Answer:
वाख कविता में '' सम खा" का क्या तात्पर्य है
Similar questions
English,
4 months ago
India Languages,
4 months ago
Math,
4 months ago
Math,
9 months ago
Physics,
9 months ago
Environmental Sciences,
1 year ago