Hindi, asked by rajmeena992004p0jc30, 1 year ago

विलुप्त होती प्रजाति के संरक्षण हेतु कविता लिखिए

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Answered by Diwakar100
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चौराहे पर एक पागल स्त्री
ईंटे बरसा रही थी
मगर समझदारी से
हँसा भी कि कितनी आजादी है
रोया भी कि कितनी बर्बादी है
नगण्य है,
तुच्छ है मनुष्य जीवन
क्या कीट-पतंगों से भी?
क्या शेरों, हाथियों से भी?
होने ही को है लुप्तप्राय
एक अकेला पागल
ये आक्रोश है या विरोध है
दाता का या विधाता का
जननी खड़ी है नैसर्गिक रूप में
सभी नजरें चुरा रहे हैं
पत्थरों की बारिश से
खुद को बचा रहे हैं
कोई देखने वाला नहीं
कोई सम्भालने वाला नहीं
टूटी हुई नाव का
ना माँझी है, ना किनारा है
ना कोई सहारा है
कौन-सी आँधियाँ
कौन-से अपमान
गागर में लहरें उठा रहे हैं
करती इशारे,
बोलती अनर्गल
उठी हैं उसकी उँगलियाँ चारों तरफ
मैं भी, तुम भी
हम सब
ये समाज, ये राज्य
ये देश, ये विश्व
सभी
हाँ, हम सभी अपराधी हैं
हाँ, हम सभी जिम्मेदार हैं
संकट में पड़ी
इस मनुष्य नामक प्रजाति को
जितना जरूरी है बचाना इस धरा को
उतना ही जरूरी है बचाना-
इस पर रहने वालों को
ये पहाड़, ये वृक्ष, ये नदियाँ,
ये सागर,
ये रंग-बिरंगे कीट-पतंगे, जानवर
ये भिन्न-भिन्न समुद्री जीव,
ये पागल,
वर्ना ये चिड़ियाघर उजड़ जायेगा।
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