विलयन को परिभाषित कीजिए। कितने प्रकार के विभिन्न विलयन सम्भव हैं? प्रत्येक प्रकार के विलयन के सम्बन्ध में एक उदाहरण देकर संक्षेप में लिखिए।
Answers
विलयन की परिभाषा...
विलयन से तात्पर्य दो या दो से अधिक अवयवों के समांगी मिश्रण से होता है। समांगी मिश्रण से तात्पर्य उस मिश्रण से होता है, जिसकी संघटना पूरे मिश्रण में एक समान हो।
एक समांगी मिश्रण ही ‘विलयन’ कहलाता है।
जैसे चीनी और जल का घोल, नमक और जल का घोल, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का मिश्रण आदि।
विलयन में जो अवयव आपस में मिश्रित होते हैे, वो विलेय और विलायक कहे जाते हैं। जो पदार्थ यानि अवयवअधिक मात्रा में होता है, वह विलायक कहलाता है और जो कम मात्रा में होता है, वह विलेय कहलाता है। जैसे नमक तथा जल के घोल में नमक विलेय है, और जल विलायक।
विलियन तीन प्रकार के होते हैं...
- गैसीय विलयन
- द्रवीय विलयन
- ठोसीय विलयन
गैसीय विलयन ► सभी तरह की गैसें और वासु जिस तरह का समांगी मिश्रण बनाती हैं, उन्हें गैसीय विलयन कहा जाता है। ये विलयन स्वतः बनते हैं, और बड़ी तीव्रता से बनते हैं। वायु में ऑक्सीजन गैसीय विलयन का एक उदाहरण है।
द्रवीय विलयन ► दो द्रवों को मिश्रित करने पर अथवा ठोस या गैस को द्रव में निश्चित करने पर जो विलयन बनता है, वह द्रवीय विलयन कहलाता है। ऐसे ठोस पदार्थ भी होते हैं जो आपस में मिश्रित होने पर द्रव का रूप धारण कर लेते हैं और द्रवीय विलेन बन जाते हैं। जल में उपस्थित ऑक्सीजन गैस और द्रव के द्रवीय विलयन का उदाहरण है। नमक और जल का घोल ठोस और द्रव के द्रवीय विलयन का उदाहरण है। जल और दूध दो द्रवों के द्रवीय विलयन का उदाहरण है।
ठोसीय विलयन ► दो ठोस पदार्थों के मिश्रण से जो विलयन बनता है, वो ठोसीय विलयन होता है, जैसे सोना और ताँबा मिश्रण ठोसीय विलयन है। सभी तरह की मिश्र धातुयें ठोसीय विलयन हैं, जैसे ताँबे और जस्ते के मिश्रण से पीतल धातु प्राप्त होती है।
☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼