Hindi, asked by ranjeetsharma2786, 6 months ago

विलयन निलंबन से किस प्रकार भिनन होता है​

Answers

Answered by smitaprangya98
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Explanation:

विलयन, निलंबन और कोलाइड एक-दूसरे से निम्न प्रकार से भिन्न हैं :  

विलयन (solutions) :  

१.विलियन एक समांगी मिश्रण होता है।

२.विलयन में विलेय कणों का आकार अत्यंत सूक्ष्म होता है । यह व्यास में 1 nm से कम होता है।

३.विलयन के कणों को सूक्ष्मदर्शी से भी नहीं देखा जा सकता।

४.विलयन के कण फिल्टर पेपर से निकल जाते हैं । इसलिए विलयन को फिल्टरन द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता।

५.विलयन अत्यंत स्थायी होते हैं। विलयन में उपस्थित विलेय के कण रखने पर पृथक नहीं होते हैं।

६ वास्तविक विलयन प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं करते हैं क्योंकि इसके कण बहुत अधिक छोटे होते हैं।

उदाहरण : समुद्री जल , सोडा जल, पानी में चीनी, नमक तथा सिरके का विलयन  आदि ।

निलंबन (suspensions) :  

१.निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है।

२.निलंबन में विलेय कणों का आकार पर्याप्त बड़ा होता है । यह व्यास में 100 nm से कम होता है।

३.निलंबन के कणों को आसानी से देखा जा सकता।

४.निलंबन के कण फिल्टर पेपर से नहीं निकल पाते हैं । इसलिए निलंबन को फिल्टरन द्वारा पृथक किया जा सकता।

५.निलंबन  अस्थायी होते हैं। कुछ समय बाद निलंबन के कण बैठ जाते हैं।

६. निलंबन उसमें से गुजरते हुए प्रकाश की किरण पुंज का प्रकीर्णन कर देता हैं क्योंकि इसके कण पर्याप्त बड़े होते हैं।

उदाहरण : मटमैला जल , जल में आटा, दूधिया मैग्नीशिया, चाॅक जल मिश्रण आदि ।

 

कोलाइड (colloids) :  

१.कोलाइड समांगी दिखता है परंतु वास्तव में वह विषमांगी होता है।

२.कोलाइड में कणों का आकार वास्तविक विलयन से बड़ा परंतु निलंबन से छोटा होता है। वह व्यास में 1 nm और 100 nm के बीच होता है।

३.को लाइटों के कणों को सूक्ष्मदर्शी से भी नहीं देखा जा सकता।

४.कोलाइड के कण फिल्टर पेपर से निकल सकते हैं।  इसलिए फिल्टरन के द्वारा क्लोराइड को पृथक नहीं किया जा सकता।

५.कोलाइड पर्याप्त स्थायी होते हैं। रखने पर को कोलाइड के कण पृथक  नहीं होते हैं।  

६.कोलाइड उसमें से गुजर रही प्रकाश की किरण पुंज का प्रकीर्णन करता है क्योंकि उसके कण पूरी तौर से बड़े होते हैं।

उदाहरण : दूध , साबुन विलयन, स्याही , रक्त, स्टार्च विलियन  

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।  

Answered by AGRAWALGRACY77
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Explanation:

उत्तर :

विलयन, निलंबन और कोलाइड एक-दूसरे से निम्न प्रकार से भिन्न हैं :  

विलयन (solutions) :  

१.विलियन एक समांगी मिश्रण होता है।

२.विलयन में विलेय कणों का आकार अत्यंत सूक्ष्म होता है । यह व्यास में 1 nm से कम होता है।

३.विलयन के कणों को सूक्ष्मदर्शी से भी नहीं देखा जा सकता।

४.विलयन के कण फिल्टर पेपर से निकल जाते हैं । इसलिए विलयन को फिल्टरन द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता।

५.विलयन अत्यंत स्थायी होते हैं। विलयन में उपस्थित विलेय के कण रखने पर पृथक नहीं होते हैं।

६ वास्तविक विलयन प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं करते हैं क्योंकि इसके कण बहुत अधिक छोटे होते हैं।

उदाहरण : समुद्री जल , सोडा जल, पानी में चीनी, नमक तथा सिरके का विलयन  आदि ।

निलंबन (suspensions) :  

१.निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है।

२.निलंबन में विलेय कणों का आकार पर्याप्त बड़ा होता है । यह व्यास में 100 nm से कम होता है।

३.निलंबन के कणों को आसानी से देखा जा सकता।

४.निलंबन के कण फिल्टर पेपर से नहीं निकल पाते हैं । इसलिए निलंबन को फिल्टरन द्वारा पृथक किया जा सकता।

५.निलंबन  अस्थायी होते हैं। कुछ समय बाद निलंबन के कण बैठ जाते हैं।

६. निलंबन उसमें से गुजरते हुए प्रकाश की किरण पुंज का प्रकीर्णन कर देता हैं क्योंकि इसके कण पर्याप्त बड़े होते हैं।

उदाहरण : मटमैला जल , जल में आटा, दूधिया मैग्नीशिया, चाॅक जल मिश्रण आदि ।

 

कोलाइड (colloids) :  

१.कोलाइड समांगी दिखता है परंतु वास्तव में वह विषमांगी होता है।

२.कोलाइड में कणों का आकार वास्तविक विलयन से बड़ा परंतु निलंबन से छोटा होता है। वह व्यास में 1 nm और 100 nm के बीच होता है।

३.को लाइटों के कणों को सूक्ष्मदर्शी से भी नहीं देखा जा सकता।

४.कोलाइड के कण फिल्टर पेपर से निकल सकते हैं।  इसलिए फिल्टरन के द्वारा क्लोराइड को पृथक नहीं किया जा सकता।

५.कोलाइड पर्याप्त स्थायी होते हैं। रखने पर को कोलाइड के कण पृथक  नहीं होते हैं।  

६.कोलाइड उसमें से गुजर रही प्रकाश की किरण पुंज का प्रकीर्णन करता है क्योंकि उसके कण पूरी तौर से बड़े होते हैं।

उदाहरण : दूध , साबुन विलयन, स्याही , रक्त, स्टार्च विलियन  

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।  

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