वामीरो की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख 'तताँरा - वामीरो कथा' के आधार पर करें I
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“तताँरा-वामीरो कथा” के आधार पर वामीरो की चारित्रिक विशेषतायें...
वामीरो की चारित्रिक विशेषतायें — वामीरो गाँव की रहने वाली एक सीधी और सरल युवती थी। वो एक रूप सौन्दर्य की दृष्टि से अत्यन्त सुंदर युवती थी। उसका स्वभाव सीधा-साधा सरल एवं भोला वाला था। उसकी उसकी आवाज में बड़ी मिठास थी, जो सब पर जादू सा असर करती थी। जब वो गीत गाती तो उसका असर दूर तक पड़ता और उसके द्वारा बजाया गया संगीत हर किसी का मन मोह लेता था।
तताँरा भी उसके रूप सौंदर्य और गीत-संगीत से उस पर मोहित हो उठा था और उसे प्रेम करने लगा था। वामीरो के गांव की परंपरा दूसरे गांव के व्यक्ति से प्रेम करने की इजाजत नही देती थी, उसके बावजूद वामीरो भी तताँरा से प्रेम करने लगी थी। जब गांव के लोगों के दबाव में आकर वामीरो तताँर से बिछड़ गई तो उसने भोजन तक त्याग दिया और तताँरा के वियोग में सच्चे प्रेम का निर्वाह कर करने लगी। अपने सच्चे प्रेम की खातिर उसने अपने घर परिवार तथा समाज का भी परित्याग कर दिया था। इस तरह वामीरो एक सच्चे प्रेम करने वाली सच्चे मन वाली युवती थी।