वामीरो रुकी नहीं, भागती ही गई। तताँरा उसे जाते हुए निहारता रहा।
वामीरो घर पहुंँचकर भीतर ही भीतर कुछ बेचैनी महसूस करने लगी। उसके भीतर तताँरा से मुक्त होने की एक झूठी छटपटाहट थी। एक झल्लाहट में उसने दरवाज़ा बंद किया और मन को किसी और दिशा में ले जाने का प्रयास किया। बार-बार तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आंँखों में तैर जाता। उसने तताँरा के बारे में कई कहानियांँ सुन रखी थीं। उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था। किंतु वही तताँरा उसके सम्मुख एक अलग रूप में आया।सुंदर, बलिष्ठ किंतु बेहद शांत,सभ्य और भोला।उसका व्यक्तित्व कदाचित वैसा ही था जैसा वह अपने जीवन-साथी के बारे में सोचती रही थी।किंतु एक दूसरे गांँव के युवक के साथ यह संबंध परंपरा के विरुद्ध था।अतएव उसने उसे भूल जाना ही श्रेयस्कर समझा। किंतु यह असंभव जान पड़ा।तताँरा बार-बार उसकी आंँखों के सामने था। निर्निमेष याचक की तरह प्रतीक्षा में डूबा हुआ।
प्रश्न
1. पाठ और लेखक का नाम लिखिए। (i) पाठ- वामीरो-ततांँरा-कथा लेखक- शबाना मंडलोई (ii)पाठ- ततांँरा- वामीरो कथा, लेखक- लीलाधर मंडलोई (iii)पाठ- ततांँरा- वामीरो कथा, लेखक- शबाना मंडलोई (iv)पाठ- वामीरो- ततांँरा कथा, लेखक- लीलाधर मंडलोई
2. वामीरो घर पहुंँच कर कैसा महसूस करने लगी?
(i) खुशी (ii) दुःख
(iii) कुछ बेचैनी (iv) उदास
3. वामीरो की आंँखों में किसका याचना भरा चेहरा तैर जाता था?
(i) उसकी मांँ का (ii) पड़ोसी का (iii) तताँरा का (iv) लेखक का
4. वामीरो ने तताँरा के बारे में क्या सुना हुआ था? (i) उसके अद्भुत साहस की कहानियांँ (ii) उसके लड़ने की प्रवृत्ति (iii) दान देने की महिमा (iv) विज्ञान की जानकारी के बारे में
5. वामीरो ने तताँरा को भूल जाना क्यों श्रेयस्कर समझा? (i) ग्रामीण परंपरा के अनुसार दूसरे गांँव के युवक से विवाह निषिद्ध था (ii) तताँरा अच्छा इंसान नहीं था (iii) तताँरा की शादी पहले ही तय हो गई थी (iv) वामीरो की माँ को तताँरा पसंद नहीं था
Answers
Answered by
0
Answer:
please subscribe my channel extra execlent gamers
Similar questions