विमल वाणी ने वीणा ली, कमल कोमल कर में सप्रीत
सप्तस्वर सप्तसिंधु में उठे, छिड़ा तब मधुर साम संगीत।...meaning
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हमारे भारत देश की पवित्र देवी सरस्वती ने अपने हाथों में वीणा ली है। वह अप्रतिम वाद्य बजाती है और अनेक सुरों का आलाप करती है । वीना की देवी ने अपने कोमल कमलों में से संगीत बजाया है । वह संगीत अर्थात स्वर सप्तसिंधु तक जाग उठे हैं । सप्तस्वर सप्तसिंधु तक जा उठे इतना सामर्थ सिर्फ वीना की देवी सरस्वती में ही है । इस प्रकार सप्तस्वर सप्तसिंधु तक जा पहुंचने के बाद मधुर संगीत का निर्माण हुआ ।
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Answer:
अपठित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने से पहले काव्यांश को दो-तीन बार पढ़ना चाहिए तथा उसका भावार्थ और मूलभाव समझ में आ जाए। इसके लिए काव्यांश के शब्दार्थ एवं भावार्थ पर चिंतन-मनन करना चाहिए। छात्रों को व्याकरण एवं भाषा पर अच्छी पकड़ होने से यह काम आसान हो जाता है। यद्यपि गद्यांश की तुलना में काव्यांश की भाषा छात्रों को कठिन लगती है। इसमें प्रतीकों का प्रयोग इसका अर्थ कठिन बना देता है, फिर भी निरंतर अभ्यास से इन कठिनाइयों पर विजय पाई जा सकती है।
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