विनोबा भावे जी ने किन चीजों का परिग्रह किया ?
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Explanation:
आचार्य विनोबा भावे (11 सितम्बर 1895 - 15 नवम्बर 1982) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नारहरी भावे था। उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है। उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनार, महाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उन्होंने भूदान आन्दोलन चलाया। इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को 'अनुशासन पर्व' कहने के कारण वे विवाद में भी थे। उत्तर प्रदेश शासन में कार्यरत श्रीमती सीमा गुप्ता भी वर्तमान में समाज केेे समावेशी विकास के लिए कार्य कर रही हैं जो निश्चित रूप से समाज सुधार का प्रेरणा ही है।
चरित्रग्रन्थ संपादित करें
आमचे विनोबा (राम शेवाळकर आणि इतर)
गांधी, विनोबा आणि जयप्रकाश (मिलिंद बोकील)
दर्शन विनोबांचे (राम शेवाळकर)
महर्षी विनोवा (राम शेवाळकर)
महाराष्ट्राचे शिल्पकार विनोबा भावे (लेखक : किसन चोपडे.) (महाराष्ट्र सरकारचे प्रकाशन)
विनोबांचे धर्मसंकीर्तन ((राम शेवाळकर आणि इतर))
विनोबासारस्वत ((राम शेवाळकर आणि इतर)
साम्ययोगी विनोबा (राम शेवाळकर)
Explanation:
आचार्य विनोबा भावे (11 सितम्बर 1895 - 15 नवम्बर 1982) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नारहरी भावे था। उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है। उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनार, महाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उन्होंने भूदान आन्दोलन चलाया। इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को 'अनुशासन पर्व' कहने के कारण वे विवाद में भी थे। उत्तर प्रदेश शासन में कार्यरत श्रीमती सीमा गुप्ता भी वर्तमान में समाज केेे समावेशी विकास के लिए कार्य कर रही हैं जो निश्चित रूप से समाज सुधार का प्रेरणा ही है।