Hindi, asked by Anonymous, 7 days ago

विनोद कुमार शुक्ल की कविता " हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था " पर टिप्पणी लिखें ।​

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Answered by sakash20207
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प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री विनोद कुमार शुक्ल की कविता “हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था” कविता से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि किसी व्यक्ति को जानने का हमारा जो रूढी होता है वह तोड़ देते हैं। किसी व्यक्ति को उनके नाम, जाति, पते, उम्र, से जानना नहीं उन के एहसासों या दर्दो से जानना है। दर्द और एहसास सबके एक जैसे होते है। उसे समझने वैयक्तिक रूप से जानने की ज़रूरत नहीं। उनकी मदद करने केलिए दर्द और एहसास समझना ही काफी हैं।

Answered by deepika717171
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Ek achha Kavitha he

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