वृन्द ने अपने दोहों में कौन-कान स
व प्रस्तु
गंदे पानी या दूषित भोजन सेवन करने से क्या होता है ? अपने शब्दों में लिखिए।
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ये प्रश्न पूरा नही है, पूरा प्रश्न इस प्रकार होगा...
◉ वृन्द ने अपने दोहों में कौन-कौन सी सीखों को दिया है।
►कवि वृंद ने अपने दोहों के माध्यम से अनेक तरह की सीखें दी है। कवि वृंद ने अपने दोहों के माध्यम से लोगों को जिंदगी जीने का सही तरह तरीका सिखाया है। कवि वृंद का कहना है कि मनुष्य का जीवन हमेशा सुखमय हो सकता है और मनुष्य अपना जीवन सुख पूर्वक किस तरह गुजारे, यह बातें कवि वृंद ने अपने दोहों के माध्यम से लोगों को बतायी हैं। उन्होंने लोगों को सच्चाई के मार्ग पर चलने की भी सीख दी है और उन्होंने भाईचारे एवं सद्भाव से रहने की सीख भी दी है।
कवि वृंद के दोहे बेहद नीतिपरक रहे हैं जिसके माध्यम से उन्होंने ज्ञान और नीति की बड़ी-बड़ी बातें बेहद सरल और आकर्षक भाषा में समझाई हैं। उदाहरण के लिए उनका एक दोहा इस प्रकार है...
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।
इसका तात्पर्य यह है कि निरंतर अभ्यास करने से मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान बन सकता है, बिल्कुल उसी तरह जिस कुएं से पानी खींचने के लिए लगाई गई रस्सी से कुए के पत्थर पर निशान पड़ जाते हैं।
◉ गंदे पानी या दूषित भोजन सेवन करने से क्या होता है ? अपने शब्दों में लिखिए।
►गंदे पानी दूषित भोजन करने से हम बीमार पड़ सकते हैं। हमें हैजा, पेचिश, पेट दर्द, जुलाब या फूड प्वाइजनिंग जैसी कोई भी बीमारी हो सकती है। गंदे पानी या दूषित भोजन में अनेक तरह के हानिकारक जीवाणु होते हैं, जो हमारे लिए बीमारी का कारण बन सकते हैं और हमारी जान को खतरा भी हो सकता है। इसलिए हमेशा गंदे पानी एवं दूषित भोजन के सेवन से बचना चाहिए।
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